विश्व में एकमात्र तुलसीदास की कविताएं गाई जाती हैं चौबीसों घंटे
तुलसी जयंती पर बोले राष्ट्र कवि सत्यनारायण सत्तन
इंदौर। क्रांतिकारी विचार मंच द्वारा आयोजित श्री चारभुजानाथ मंदिर मल्हारगंज में तुलसी जयंती के अवसर पर राष्ट्रकवि सत्यनारायण सत्तन जी का मुख्य उद्बोधन रहा।
उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म हुआ तब मूल नक्षत्र था।जन्म के बाद माता की मृत्यु हो गई ,पिता ने उनका मुंह भी नहीं देखा।पर तुलसी की आत्मा तो परमात्मा में लीन रहने के लिए आई थी। ‘हुलसी का पुत्र तुलसी ऐसा राम बोला कि उसके साथ सारा जगत राम बोला’। विश्व में तुलसीदासजी ऐसे कवि हैं जिनकी कविताएं चौवीस घंटे गाई जाती है। इस अवसर पर अनेक साहित्यकार और कवियों ने अपने विचार रखें। कवियों ने तुलसीदासजी पर अपनी कविताएं भी प्रस्तुत की। क्रांतिकारी विचार मंच की संयोजिका डॉ सुरेखा भारती ने कहा कि ‘तुलसीदास जी महाराज ने रामराज्य को देखने के लिए अलग दृष्टि प्रदान की हैं, वह है मानवता की दृष्टि । हम अपने भीतर की पशुता को हटाकर मानवता के साथ व्यवहार करेंगे तब रामराज्य आएगा।’इसके अलावा डॉ योगेन्द्रनाथ शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र जोशी, रामचन्द्र अवस्थी, लव यादव, हरीश साथी, दीपक शिरालकर, अतुल केकरे, बृजमोहन शर्मा बृज, भगवती प्रसाद काबरा, डॉ कृष्णा जोशी, चकोर चतुर्वेदी, सुनील कुमार मुसाफिर, अशोक द्विवेदी, ने अपनी सरस कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे श्री योगेन्द्र महंत, अध्यक्ष विश्व ब्राह्मण सभा संघ, श्री गोविंद शर्मा श्री परशुराम महासभा म.प्र., कैलाश शर्मा श्री पाराशर समाज इंदौर, गोपाल किशन शर्मा मंदिर के पुजारी एवं पदाधिकारी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। स्वागत आदित्य शर्मा ने किया। आभार प्रकाश व्यासजी ने माना। कार्यक्रम का संचालन कवि राजेन्द्र शर्मा ने किया।