इंडेक्स मेडिकल कॉलेज सुसाइड केस- सायबर टीम भी नहीं खोल पाई मृतक उज्जैनी छात्र के मोबाइल का पैटर्न लॉक
इंदौर। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट सुसाइड केस में पुलिस पैटर्न लॉक नहीं खोल पा रही है। सायबर एक्सपर्ट भी उसका लॉक खोलने में सफल नहीं हो सके। एसआईटी ने सुसाइड करने वाले स्टूडेंट का मोबाइल जब्त कर भोपाल स्थित सायबर ऑफिस भेजा था। पैटर्न लॉक नहीं खुलने से पुलिस को जांच की दिशा नहीं मिल पा रही है। इधर, ग्रामीण आईजी द्वारा बनाई गई एसआईटी में से डीसीपी का ट्रांसफर होने से भी जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस मामले में पकड़ाए दो छात्रों को भी कोर्ट से जमानत मिल गई है।
चेतन पाटीदार (22 वर्ष) पुत्र दिनेश पाटीदार निवासी ग्राम मौलाना जिला उज्जैन ने 31 मार्च को फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। इस मामले में परिवार ने कालेज के डीन डॉ. जीएस पटेल और तृतीय वर्ष के दो छात्रों रोमिल सिंह व दुर्गेश हाड़ा, होशांक वर्मा और अर्पित हाड़ा पर आरोप लगाए थे। पुलिस ने इसमें से डीन डॉ. पटेल और रोमिल व दुर्गेश हाड़ा को आरोपी बनाकर केस दर्ज किया था। दोनों छात्रों की गिरफ्तारी हो गई थी। लेकिन डीन डॉ. जीएस पटेल को सबूत के अभाव में पूरे मामले की जांच करने पर गिरफ्तार करने की बात कही गई थी।
भोपाल में सायबर एक्सपर्ट नहीं खोल पाए पैटर्न लॉक
इंदौर से एसआईटी की टीम में एडिशनल डीसीपी शशिकांत कनकने, अनिल चौहान और राजीव त्रिपाठी मामले की जांच कर रहे थे। उन्होंने खुड़ैल पुलिस द्वारा जब्त चेतन का मोबाइल भोपाल सायबर ऑफिस भेजा था। यहां से भी मोबाइल बिना लॉक खुले वापस आ गया। एक्सर्ट उसका लॉक नहीं खोल पाए। इधर एसआईटी के एक अधिकारी अनिल चौहान का ट्रांसफर हो गया, जिसके कारण जांच रूक गई।
दोनों छात्रों को मिली जमानत
चेतन पाटीदार की मौत के मामले गिरफ्तार किये गए दोनों छात्र रोमिल और दुर्गेश को कोर्ट ने जमानत दे दी। परिवार के मुताबिक उनके दो बार एसआईटी की टीम ने बयान लिये हैं। अब मोबाइल बाहर के सायबर एक्सपर्ट के यहां भेजने की बात कही जा रही है।