सैन्य अफसर की पत्नी से ठगी, 15 लाख लेकर भी नहीं दिया प्लाट
खड़ी फसल दिखाकर कर दिया सौदा
इंदौर। भूमाफिया और दलालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे सेना के एक अधिकारी के परिजन को भी ठगने से नहीं चूके। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में ऐसा ही एक मामला सामने आया। लेह-लद्दाख में पदस्थ सेना के अधिकारी की पत्नी रीना यादव निवासी राऊ ने शिकायत की है कि महेंद्र ठाकुर नाम के व्यक्ति ने देवास में आठ हजार वर्गफीट का भूखंड दिलाने के लिए 15 लाख रुपये ले लिए, लेकिन अब तक भूखंड नहीं दिया।
रीना यादव ने कहा कि शुरुआत में मुझे प्लाट दिखाकर कहा कि अभी फसल खड़ी है। आठ-दस दिन में फसल कट जाएगी, तब प्लाट का कब्जा दे दिया जाएगा और तीन-चार दिन में अनुबंध भी करवा दूंगा। कई दिन निकल जाने के बाद भी जब प्लाट का कब्जा नहीं दिलाया, तो मैंने पैसे वापस मांगे। पैसे वापस देने के लिए ठाकुर ने चेक भी दिए, लेकिन वह बाउंस हो गए। इस मामले में राऊ पुलिस को भी शिकायत की कि मेरे साथ धोखाधड़ी हुई है। शिकायत के बाद ठाकुर ने पैसे लौटाने के लिए छह महीने का समय मांगा और कहा था कि 30 जून तक सारे पैसे दे दूंगा। इस समय-सीमा को भी दो महीने होने को आ रहे हैं, लेकिन अब तक पैसे नहीं दिए हैं। मैं कई बार थाने के चक्कर लगा आई हूं, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी और पैसा दिलाया जाएगा।
वहीं बद्रीबाग कालोनी निवासी अब्दुल ने शिकायत की कि दिलीप नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था में उनके पिता ने प्लाट खरीदा था, लेकिन अब तक कब्जा नहीं मिला है। नंदानगर की भावना कुशवाह ने भी प्लाट नहीं मिलने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि बिल्डर दिनेश यादव से आठ हजार रुपये महीने की किस्त पर प्लाट लिया है, लेकिन वह प्लाट नहीं दे रहा है। इस प्लाट पर अन्य लोग भी दावा कर रहे हैं।
नौकरी छोड़कर महापौर का चुनाव लड़े इंजीनियर ने दस माह का वेतन मांगा
इंदौर। कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में एक दिलचस्प मामला सामने आया। हाल ही में इंदौर नगर निगम के महापौर पद का चुनाव लड़े महेंद्र मकासरे ने शिकायत की कि मैं शिक्षा विभाग में उपयंत्री के पद पर कार्यरत था। इसी साल 2022 में मैंने नौकरी से त्याग पत्र देकर महापौर का चुनाव लड़ा। मुझे नौकरी में रहने के दौरान लगभग 10 महीने का वेतन अब तक नहीं मिला है। बुरानाखेड़ी पंचायत की पंच शारदाबाई ने शिकायत की कि मैंने अग्रवाल ग्रुप की कालोनी में ईडब्ल्यूएस का प्लाट बुक कराया था, जो मुझे प्रशासन की ओर से मिला था, लेकिन अब तक कालोनाइजर ने प्लाट की रजिस्ट्री नहीं की।