भक्ति भाव और उत्साह से मन रही जन्माष्टमी, रात 12 बजे होगी महाआरती
चांदी के सिंहासन पर विराजे बाल-गोपाल:इंदौर के यशोदा मंदिर, गोवर्धननाथ और इस्कॉन मंदिर को फूलों से सजाया
इंदौर। इस बार जन्माष्टमी पर्व चार दिन तक मनाया जाएगा। जन्माष्टमी मनाए जाने के संबंध में स्मार्त और वैष्णव दो मत प्रचलित हैं। वेंकटेश मंदिरों में रोहिणी नक्षत्र की प्रधानता में, जबकि रामानुज कोट मंदिर में सूर्य की संक्रांति और रोहिणी नक्षत्र में यह पर्व मनाया जाता है।
गुरुवार को गोपाल मंदिर में चांदी के सिंहासन पर विराजे भगवान। फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया।
आज शुक्रवार को यशोदा माता मंदिर, फूलों से श्रृंगार। गोवर्धननाथ मंदिर, इस्कॉन सहित शहरभर में फूलों से श्रृंगार किया गया है। माखन-मिश्री का भोग लगाएंगे।
शनिवार को वेंकटेश मंदिर में रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा। यहां स्तोत्र पाठ होंगे। देर रात उत्सव मनेगा।
रविवार – रामानुज कोट मंदिर में। 135 साल पुराने मंदिर में पंचमुखी झूले पर भगवान को विराजित किया जाएगा। एकांत अभिषेक होगा।
सजकर तैयार हैं मंदिर
कृष्ण मंदिरों को आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है। भगवान के जन्म लेते ही रात 12 बजे जन्म आरती होगी और माखन-मिश्री व पंजीरी बांटी जाएगी। दर्शन के लिए मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें लगेगी। गोपाल मंदिर में रात 12 बजे महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा।
मां यशोदा की गोद भराई होगी
यशोदा माता मंदिर खजूरी बाजार पर रंग बिरंगी विद्युत बल्बों से सजावट की गई है। पुजारी महेंद्र दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार रात 12 बजे महापूजा और जन्म आरती होगी। 20 अगस्त को नंद उत्सव, छप्पन भोग के दर्शन। इस दौरान माता यशोदा की गोद भराई होगी।
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मटकी फोड़ : इस बार 16 टीमों के कान्हा में मुकाबला
17 साल पहले इंदौर में कृष्ण जन्माष्टमी पर संस्था सृजन ने मटकी फोड़ आयोजन की शुरुआत की थी। इस बार इंदौर और आसपास की 16 टीमें इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेगी।
संस्था सृजन हर साल की तरह इस साल भी कृष्ण जन्माष्टमी पर इंदौर के गौराकुंड चौराहे के पास मटकी फोड़ का आयोजन शुक्रवार को करने जा रहा है। यह संस्था का 17वां वर्ष है। संस्था पदाधिकारी का दावा है कि ये मटकी फोड़ प्रदेश की सबसे बड़ी 51 हजार रुपए इनामी मटकी फोड़ है।