चामुंडा माता मंदिर में शाही सवारी के दिन बनेंगे दो वर्ल्ड रिकॉर्ड
30 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी बनेगी और इतनी ही वितरित भी होगी, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम मंदिर पहुंचेगी
उज्जैन। चामुंडा माता मंदिर में 22 अगस्त सोमवार को बाबा महाकालेश्वर की शाही सवारी के दिन दो वर्ल्ड रिकॉर्ड साबूदाने की खिचड़ी बनाने और उसके वितरण करने का बनने जा रहे हैं।
श्री मां छत्रेश्वर चामुंडा माता मंदिर भक्त समिति द्वारा सोमवार को लगभग 30 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी बनाने और वितरण करने का आयोजन किया जा रहा है। गौरतलब है कि इसके पहले इतनी बड़ी मात्रा में खिचड़ी बनाने और वितरण करने का कार्यक्रम नहीं हुआ है। इसके लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की एक टीम भी चामुंडा माता मंदिर पहुंचेगी और पूरे आयोजन का निरीक्षण कर मंदिर समिति को प्रशस्ति पत्र भेंट करेगी। मंदिर के पुजारी सुनील चौबे ने बताया कि खिचड़ी बनाने और वितरण करने में लगभग 5 घंटे का समय लगेगा।लगभग 30 बड़े तपेलों में बनने वाली साबूदाने की खिचड़ी में 6 क्विंटल साबूदाना, 12 क्विंटल आलू, 4 क्विंटल मूंगफली दाने, 15 डब्बे तेल, 5 डब्बे देसी घी और डेढ़ क्विंटल शकर का इस्तेमाल किया जाएगा। 30 क्विंटल की खिचड़ी को बनाने में लगभग 6 लाख का खर्च आ रहा है।सोमवार सुबह से बनने वाली साबूदाने की खिचड़ी का काम दोपहर 12 बजे तक खत्म हो जाएगा। उसके बाद मां चामुंडा भक्त समिति के चार वाहनों से शहर के विभिन्न स्थान इंदौर गेट, नानाखेड़ा, हरी फाटक ब्रिज और मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में कई काउंटर लगाकर खिचड़ी वितरण किया जाएगा। वितरण के कार्य में मंदिर समिति के लगभग 100 वालिएन्टर और इसे बनाने में लगभग 50 कार्यकर्ता काम करेंगे। जो कि 10 भट्टियों पर 30 तपेलों की सहायता से खिचड़ी तैयार करेंगे। इस कार्य में लगभग 30 गैस सिलेंडर लगने का अनुमान जताया जा रहा है। खिचड़ी बांटने के लिए 50 हज़ार दोने लगेंगे।
पहली बार एक साथ दो वर्ल्ड रिकॉर्ड
पहली बार एक साथ दो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की सहमति एवं सेफ भोग प्लेस की प्रमाणीकरण प्रमाण पत्र की भी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। जिसके लिए द गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के डॉ. मनीष विश्नोई एवं उसकी टीम की सहमति प्राप्त हो चुकी है। इसके लिए चामुंडा माता मंदिर के पं. निखिल चौबे, पं. वेदांत चौबे, मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य रमेश टेमनिया के साथ कमलसिंह ठाकुर, सुनील नागर, किशोर मुलानी, ऋषि पटेरिया, पंडित वरुण पंड्या, पंकज सूर्यवंशी, मुकेश सूर्यवंशी आदि द्वारा शाही सवारी पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने हेतु वृहद स्तर पर आयोजन किया जाएगा।