17 वें श्रावण महोत्सव की अंतिम संध्या में स्वर और नृत्य की गूंज
उज्जैन। 17 वें अभा श्रावण महोत्सव में रविवार को अंतिम सांस्कृतिक संध्या में जयतीर्थ मेवुंडी कर्नाटक का शास्त्रीय गायन, सुश्री कल्याणी फगरे एवं सुश्री वैदेही फगरे भोपाल का ओडिसी नृत्य, सुश्री सुष्मिता पंवार उज्जैन के शास्त्रीय कथक नृत्य और लखनऊ की सुश्री श्वेता वर्मा के कथक नृत्य की प्रस्तुति हुई। आयोजन के प्रारंभ में उज्जैन नगर पालिक निगम की अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव, नितिन राणे, कुलपति अवंतिका विश्वविद्यालय उज्जैन, सुदंर लाल सिंह व श्रीमती कुसुम सिंह सहित मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, समिति सदस्य राम पुजारी द्वारा दीप प्रज्वलन कर शुभारम्भ किया व प्रस्तुति देने वाले कलाकारों का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। पहली प्रस्तुति कर्नाटक के जयतीर्थ मेवुंडी के कर्नाटकी शैली में शास्त्रीय गायन से हुई। द्वितीय प्रस्तुति में सुश्री कल्याणी फगरे और सुश्री वैदेही फगरे ने अपनी प्रस्तुति का प्रारम्भ राग श्री, एकताल और ताली तीस्र छंद में शिव तांडव स्तोत्र से किया, जिसकी संगीत रचना पं. मुकुल शिवपुत्र और नृत्य संरचना गुरु केलुचरण मोहापात्र द्वारा की गई है। अगली प्रस्तुति राग भीमपलासी में निबद्ध संगीत मनीषी पंडित कुमार गंधर्व द्वारा रचित तराना की दी गई। तीसरी स्तुति में सुश्री सुष्मिता पंवार ने अपनी प्रस्तुति का प्रारम्भ नृत्य पुरोधा पंडित श्रीधर व्यास द्वारा रचित काली परण से किया। अन्तिम प्रस्तुति में सुश्री श्वेता वर्मा द्वारा कथक नृत्य से भगवान शिव की आराधना की गई। संचालन दीपक कोडपे ने किया।