उन्हेल में एक साथ चार बच्चों की अर्थी देख गमगीन हुआ माहौल
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
उन्हेल में सोमवार दोपहर को चार बच्चों की एक साथ अर्थी उठते ही दुखी परिजनों की चीख-पुकार से पूरा गांव फफक पड़ा। हर आंख नम थी। बच्चों के परिवार का तो बुरा हाल था। पूरे गांव में मातम छा गया था। सुबह घटना की सूचना के बाद से ही सभी स्कूल बंद हो गए थे। यहां तक भी बाजार भी नही खुले थे। बच्चों की बॉडी गांव पहुंचते ही लोगों की भीड़ ने घेर लिया। चारों बच्चों का दाह संस्कार एक ही स्थान पर किया गया। इस दौरान आसपास के गांव के हजारों लोगों की भीड़ श्मशान घाट पर एकत्रित थी। शहर से 36 किलोमीटर की दूरी पर बसे उन्हेल में सोमवार को बाबा महाकाल की शाही सवारी का उल्लास छाया था। शहर से नजदीक होने से इस ग्रामीण क्षेत्र से लोग उज्जैन पहुंचकर महाकाल की सवारी के दर्शन करते है। सबकुछ सहज था। प्रतिदिन की तरह बच्चे भी स्कूल के लिए वाहन में सवार होकर निकल चुके थे। इस बीच कुछ ही देर में आई एक सूचना से गांव का माहौल मातम में बदल गया।
उन्हेल से 10 किलो मीटर की दूरी पर हुए सड़क हादसे की जानकारी मिलने के बाद से लोग बेसब्र हो गए थे। गांव के बच्चे जिस वाहन से स्कूल जाते थे, उस वाहन के दुर्घटना ग्रस्त होने की सूचना के बाद से हलचल मची हुई थी। बदहवास लोग कभी घटना स्थल तो कभी उज्जैन अस्पताल की ओर भागे। गांव के लोग जब उज्जैन पहुंचे तो सूचना मिली कि चार बच्चे मौत के मुंह में समा गए है। शेष 10 बच्चों के घायल होने से ईलाज चल रहा है। इनमें भी दो की स्थिति गंभीर होने से इंदौर रेफर किया है।
एक साथ हुआ दाह संस्कार, गांव में पसरा सन्नाटा
भीषण सड़क हादसे में ट्रेक्स में सवार सुमित पिता सुरेश उम्र 16 वर्ष, भाव्यांश पिता सतीश जैन उम्र 13 वर्ष, उमा पिता ईश्वरलाल धाकड़ उम्र 15 वर्ष और तनाया पिता रमेश उम्र 5 वर्ष की मौत हो चुकी थी। बदहवास अस्पताल तक पहुंचे परिजन बच्चों से मिल भी नही सके थे। उज्जैन जिला अस्पताल से पीएम के बाद चारों बच्चों की बॉडी उन्हेल पहुंची तो गांव में चीत्कार सुनाई देने लगी। हर आंखों में आंसु बह रहे थे। एक साथ चार अर्थी उठने पर समूचा गांव फफक पड़ा। काल के क्रुर हाथों से माता-पिता का सहारा छिन जाने पर दुखी परिजनों के मार्मिक विलाप से पूरा गांव शोक में डूबा रहा। चार बच्चों का अंतिम संस्कार पंच धाकड़ समाज के मुक्ते श्वर शांति वन में किया गया। परिवार को संत्वना देने के लिए हजारों की संख्या में लोग अंतिम संस्कार में पहुंचे।