अब महेश्वर बांध पर मंडराया खतरा, एक गेट टूट चुका, अब दूसरा गेट टूटने की आशंका, ऐसा हुआ तो दो दर्जन गांव होंगे प्रभावित
खरगोन। खरगोन में नर्मदा नदी पर बने महेश्वर बांध के गेट टूटकर गिरने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा होने से दो दर्जन गांव प्रभावित होंगे। मध्यप्रदेश में आज -कल से एक बार फिर बारिश का दौर शुरू होगा। ऐसे में बांध को लेकर खतरा बढ़ता दिख रहा है।
मेंटेनेंस के अभाव में गेट गिरने की आशंका
खरगोन के महेश्वर बांध के गेट भारी बारिश और मेंटेनेंस के अभाव में टूटकर गिरने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा होने से दो दर्जन गांव प्रभावित होंगे। विशेषज्ञों के अनुसार बांध का पाट लगभग 750 मीटर चौड़ा है। बांध के स्पिल-वे क्षेत्र में 27 रेडियल गेट लगे हैं, जो करीब 12 साल से खुले होकर हवा में ऊंचाई से लटके हैं। 8वें नंबर का गेट 23 अप्रैल 2019 को गिर गया था। डैम जिओलॉजिकल सेफ्टी इंस्ट्रूमेंट के सीनियर इंजीनियर विवेक डोंगरे ने कहा कि ऑइल सील अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं और ऐसे में हाइड्रोलिक सिस्टम कभी भी फेल हो सकता है। गेट लावारिस हाल में होने से भी गिरने की आशंका है। बांध में 27 गेट हैं। इनमें से 8वें नंबर का गेट 23 अप्रैल 2019 को गिर गया था। इसे आज तक नहीं उठाया जा सका है।
कोई खतरा नहीं
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि एक गेट गिरने से फिलहाल कोई खतरा नहीं है। बाकी गेट का निरीक्षण करवा लिया है। परियोजना का कार्य करने वाली कंपनी बैंक डिफॉल्टर है। मामला एनसीएलटीमें चला गया है, और कोई वहां काम नहीं कर सकता है।