फर्स्ट ईयर के नौ में से चार विषयों में मिलेगा सप्लीमेंट्री का मौका

 

पहले पांच में से सिर्फ एक विषय में ही मिलती थी पूरक

इंदौर। बीए, बीकॉम, बीबीए, बीसीए और बीएससी फर्स्ट ईयर के छात्र 9 में से 4 विषयों में फेल भी हो गए तो उन्हें पूरक (सप्लीमेंट्री) परीक्षा के जरिये पास होने का एक और मौका दिया जाएगा।
नई एजुकेशन पॉलिसी के रिजल्ट सिस्टम में बड़ा बदलाव हुआ है। नियमित और प्राइवेट दोनों तरह के छात्रों पर यह सिस्टम लागू होगा। हालांकि इसके लिए इन विषयों में 20 क्रेडिट लाना अनिवार्य रहेगा।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के 200 कॉलेज के 81 हजार छात्रों को इसका फायदा मिलेगा। इस बार सभी 10 ग्रेजुएशन काेर्स के फर्स्ट ईयर में 9-9 विषयों की परीक्षा हुई। इनमें जाे छात्र पांच या ज्यादा विषयों में फेल हाेगा, उसे ही फेल माना जाएगा। चार विषयों में फेल हाेने पर भी पूरक दी जाएगी। पहले पांच विषयों में से एक विषय में ही पूरक दी जाती थी।

फर्स्ट ईयर में फेल हुए तो 60% छोड़ देते हैं पढ़ाई

ज्यादा विषयों में पूरक मिलने से छात्र का साल खराब नहीं हाेगा। उन छात्रों काे भी राहत मिलेगी, जाे फर्स्ट ईयर में पढ़ाई छाेड़कर सर्टिफिकेट प्राप्त करना चाहते हैं। एक बड़ा कारण यह भी है कि पांच वर्षों में कॉलेज की पढ़ाई छाेड़ने वाले 60% छात्र वे ही थे, जाे दाे या उससे अधिक विषय में फेल हुए। जाे छात्र सेकंड ईयर या फाइनल में फेल हुए, उनमें से महज 10% ने ही पढ़ाई छाेड़ी।

विषय दोगुना हुए तो पूरक के विषय बढ़ाए

इस बार परीक्षा में 9 पेपर हुए। फाउंडेशन ग्रुप में तीन के बजाय चार पेपर रहे। दाे मेजर विषयों के, एक माइनर, एक जेनरिक इलेक्टिव और एक परचा वोकेशनल विषय का हुआ। पहले पांच ही विषय होते थे, इस बार विषय बढ़ाए तो पूरक भी बढ़ा दी गई।