रात 9 बजे बैठी हाई कोर्ट : विधिक प्रक्रिया अपनाए बगैर तोड़फोड़ पर रोक
हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर नगर निगम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर कर रहा तोड़फोड़
इंदौर। हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर इंदौर नगर निगम द्वारा मचाई गई तोड़फोड़ को तब कुछ विराम मिलता दिखाई दिया, जब रात 9 बजे हाईकोर्ट ने बैठकर एक मामले में रिमूवल पर रोक लगा दी।
एमआईजी कॉलोनी चौराहा स्थित हाऊसिंग़ बोर्ड की लीज़ सम्पत्ति ९/१, एलआईजी जो श्रीमती नैना भाटिया के लीज़ स्वामित्व की है, उस पर रिमूवल की कार्यवाही बिना किसी विधिक प्रक्रिया के की जा रही थी। श्रीमती नैना भाटिया द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता श्री विनय सराफ़ एवं श्री रविंद्र कुमार पाठक ने उच्च न्यायालय इंदौर के सम्मुख याचिका दायर की। जिसकी सुनवाई हेतु मुख्य न्यायायमूर्ति मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की अनुमति से गठित विशेष बेंच सुबोध अभ्यंकर न्यायमूर्ति द्वारा रात्रि 9 बजे विशेष सुनवाई करते हुए रिमूवल पर रोक लगा दी गयी है। इसके पहले पिछले 30-40 सालों से दुकान चला रहे लोगों ने इस कार्यवाही का भारी विरोध किया। उनका कहना था कि न तो दुकानें अवैध बनी हुई है और न ही यह अतिक्रमण है। यह जमीन खुद हाउसिंग बोर्ड ने ही आवंटित की थी, जिस पर नगर निगम ने बाकायदा नक्शे भी पास किए हैं। फिर यह अवैध कैसे हो सकती है? नगर निगम अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यह रिमूवल कर रहे हैं।