खाकी क्या खाक करेगी जांच..?

पुलिस एसआई को 80 रुपये वाहन भत्ता, इतना तो एक दिन में ही पी जाती है बाइक

आज मुख्यमंत्री कर सकते हैं समीक्षा, पुलिसकर्मियों के लिए मांगा महीने का 15 लीटर पेट्रोल

भोपाल। 1980 से मध्यप्रदेश के थानों में पदस्थ सब इंस्पेक्टर को 80 रुपए महीना वाहन भत्ता दिया जा रहा है। तब पेट्रोल की कीमत 8 रु. लीटर थी, जो आज 108 रु. है। मौजूदा दौर में भोपाल – इंदौर में किसी एक मामले की जांच में ही एक विवेचना अधिकारी को 50-60 किमी गाड़ी चलानी पड़ती है यानी महीनेभर में जितना वाहन भत्ता मिलता है, उससे कहीं ज्यादा रकम एक जांच पूरी करने में खर्च हो जाती है। ऐसी स्थिति में जिस खाकी से ईमानदारी की उम्मीद की जाती है वह क्या खाक जांच करेगी? जाहिर है पेट्रोल का खर्चा जैसे ही होगा!
मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गृह विभाग की समीक्षा कर सकते हैं। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने अनुशंसाएं दी हैं, जिसमें प्लानिंग शाखा की एक मांग भी शामिल है। मांग है कि थानों के सिपाही से लेकर सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मियों को हर महीने 15 लीटर पेट्रोल दिया जाए।
मप्र के 1110 थानों में 35 हजार पुलिसकर्मी सिपाही से एसआई तक हैं। यदि शासन यह मांग मान ले तो सरकार पर करीब 75 करोड़ रुपए सालाना का भार पड़ेगा। बता दें कि 1978 में सिपाहियों को 8 रुपए मासिक साइकिल भत्ता देना शुरू हुआ था।
जैसे-जैसे पुलिसिंग से साइकिल बाहर हुई, ये भत्ता भी प्रचलन से बाहर हो गया। अभी प्रावधान ये है कि किसी सिपाही-हवलदार को यदि ये भत्ता लेना है तो उसे साइकिल का बिल लगाना होगा। इसलिए कोई इस भत्ते को लेने के लिए आवेदन ही नहीं करता है।