इंदौर में रह रहे फर्जी जज ने कई लोगों को ठगा
मुंबई के बिजनेसमैन को उज्जैन दर्शन करवाने ले गया, तब पुलिस अधिकारी खुद उसे रिसीव करने पहुंचे थे
इंदौर। खुद को देवास कोर्ट का जज बताने वाले इंदौर के फर्जी जज राजीव लाहोटी ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की तस्वीर लगा कर और उन्हें अपना रिश्तेदार बताकर कई लोगों को ठगा। क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस फर्जी जज ने इसी तस्वीर दिखाकर अपने मुंबई के बिजनेसमैन दोस्त को भी नहीं छोड़ा। इंदौर के होटल और पबों की पार्टी में भी जाता था , तो वहां संचालकों को ही धमका आता था
इसने देवास में चल रहे एक केस में समझौते के नाम पर दो लाख नब्बे हजार रुपए की ठगी की थी। क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल ने राजीव कुमार लाहोटी को पकड़ा है। वह इंदौर के ही सुदामा नगर में रह रहा था। यहां आसपास के लोग भी उसके गिरफ्तार होने के पहले तक राजीव को जज ही समझते थे। आसपास के लोग इसके चलते उसे तवज्जो देते थे। अपने आपको जज बताने वाले राजीव लाहोटी लाल बत्ती की लक्जरी कार में चलता था।
क्राइम ब्रांच ने बताया कि कुछ समय पहले लाहोटी ने महाराष्ट्र के एक बिजनेसमैन को इंदौर बुलाया था। यहां से वह उन्हें दर्शन के लिए उज्जैन ले गया। उज्जैन पहुंचने के पहले उसने पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को कॉल किया। लाहोटी ने खुद को सेशन जज बताया और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस का रिश्तेदार भी कहा। इस पर उज्जैन के पुलिस अधिकारी खुद ही उसे रिसीव करने पहुंचे। पुलिस अफसर ने लाहोटी को वीआईपी दर्शन कराए और वहीं की एक बड़ी होटल में पार्टी भी दी। इंदौर आकर इसी बिजनेसमैन को दिल्ली जाकर रिटायर्ड जस्टिस से मिलाने का वादा भी किया।
पुलिस का कहना है कि फर्जी जज लाहोटी इंदौर की महंगी होटलों और पबों में जाता था। वहां पैसे के नाम पर धमकी देता था। बताया जा रहा है कि
इंदौर में अगर वकीलों से मुलाकात होने पर वह अपनी पोस्टिंग उज्जैन या देवास में होना बताता था। क्राइम ब्रांच के पास जज को लेकर ओर भी शिकायतें पहुंची थी। उसने इंदौर में अपने कई बंगले बदल दिए थे।