शंकराचार्य स्वरूपानंदजी इंदौर मठ में पांच मिनट के लिए आए थे, ठहरे 7 दिन
इंदौर। अनंतश्री विभूषित ज्योतिष (बद्रीनाथ ) एवं शारदा (द्वारका) पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी सरस्वती रविवार को ब्रह्मलीन हो गए। शंकराचार्यजी की इंदौर में कई स्मृतियां हैं। वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र जोशी ने बताया कि मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि शंकराचार्यजी ने अपने कर कमलों से मुझे सर्वश्रेष्ठ पत्रकार के रूप में सम्मानित किया।
शंकराचार्य मठ इंदौर के प्रभारी डॉ. गिरीशानंदजी महाराज के अनुसार इंदौर के पीथमपुर बायपास रोड स्थित शंकराचार्य मठ में स्वामी स्वरूपानंद जी का चार बार आगमन हुआ था। इसके पूर्व भी वे इंदौर में कई बार आए थे। वर्ष 2010 में वह मात्र 5 मिनट के लिए इंदौर आए थे लेकिन यहां के अनुकूल आध्यात्मिक वातावरण व लोगों की आस्था को देखते हुए वे 7 दिन तक यहीं ठहर गए और इसी बीच होली उत्सव भी उन्होंने यहीं मनाया। इंदौर में शंकराचार्य भक्त मंडल के सदस्यों ने उस वक्त पलक- पावड़े और पुष्प बिछाकर जगद्गुरु का स्वागत किया था। इंदौर के बाशिंदों को उस सुखद समय की भी याद है जब वर्ष 1998 में स्वामी स्वरूपानंद जी का ज्योतिष पीठ पर पट्टाभिषेक की रजत जयंती के अवसर पर इंदौर के गांधी हॉल में नागरिक अभिनंदन भी किया गया था।
पत्रकारिता के सम्मान में इंदौर को चुना
वर्ष 2008 में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पत्रकारिता के लिए इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र जोशी को द्वारका पीठ यानी द्वारकाधीश मंदिर परिसर में अंतरराष्ट्रीय शंकराचार्य पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया था। यह वार्षिक पुरस्कार शंकराचार्य जी के जन्मदिन पर पूरे विश्व से चयन कर एक पत्रकार को श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिए दिया जाता है। इस समारोह में शंकराचार्य मठ इंदौर के प्रभारी डॉ गिरीशानंद जी महाराज के साथ ही गुजरात के तत्कालीन राज्यपाल नवल किशोर शर्मा, तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और गुजरात के सुप्रसिद्ध संत रमेश भाई ओझा भी उपस्थित थे। डा. गिरिशानंद जी के साथ ही इंदौर से 30 से ज्यादा लोग उन्हें पुरस्कार दिलाने द्वारका गए थे, जिनमें वरिष्ठ पत्रकार योगेंद्र जोशी, संजय सोलंकी, कृष्णा पटेल, अमिताभ सिंघल, स्वर्गीय मोहन कसेरा, दरियाव सिंह चौधरी, बाबू काका आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।
ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी को स्मरण करते हुए शंकराचार्य भक्त मंडल के सभी सदस्य अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।