हैकिंग के प्रति जागरूकता के लिए विक्रम विश्वविद्यालय शुरू कर रहा नया कोर्स, कुलपति पांडे ने दैनिक अवंतिका को दी जानकारी
इंडिया के नंबर वन व्लॉगर सौरभ पांडे के अकाउंट भी हो गए हैक, खुद कुलपति भी हो चुके हैं हैकर के शिकार
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय इंस्टाग्राम अकाउंट्स, फेसबुक ईमेल व्हाट्सएप आदि की लगातार हो रही हैकिंग के मामले में जागरुकता को लेकर नया कोर्स शुरू करेगा। कुलपति अखिलेश पांडे ने सोमवार को यह जानकारी दैनिक अवंतिका को दी।
गौरतलब है कि हाल ही मे इंडिया के नंबर वन व्लागर सौरभ जोशी व उनके परिवार के लोगो का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक कर लिया गया। हैकर्स ने सौरभ जोशी के सारे अकाउंट उड़ा दिए, जिसमें उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। दैनिक अवंतिका ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके अलावा भी हैकर्स ने कई नामी लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स हैक किए हैं। इस हैकिंग के शिकार विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति भी हुए हैं।
कुलपति श्री पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि हैकिंग से जागरूकता को लेकर विश्वविद्यालय नया कोर्स चलाएगा । यह कोर्स कंप्यूटर अध्ययन विभाग के माध्यम से चलाया जाएगा ,जिसमे लोगो को हैकर्स को लेकर जागरूक किया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, वैसे-वैसे उसका मिस यूज भी बढ़ रहा है। हैकिंग के ऐसे बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं। फेसबुक, व्हाट्सएप या इंटरनेट, कई बार ईमेल आदि हैक हो रहे हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम विक्रम विश्वविद्यालय में अपने कंप्यूटर विभाग से एक नया कोर्स शुरू करवा रहे हैं। हैकिंग के प्रति अवेयरनेस यानी हैकिंग से कैसे बचा जा सकता है ? उस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। खास तौर पर जो फाइनेंसियल बैंक आदि की हैकिंग होती है , उससे बहुत लोगों का नुकसान हो जाता है। इसलिए कुछ अवेयरनेस प्रोग्राम और कुछ टेक्नोलॉजी के प्रति जागरूकता कंप्यूटर साइंस विभाग से शुरू कर रहा हूं। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक हो गई। हमारा खुद का व्हाट्सएप और फेसबुक सारा का सारा हैक हो गया। कुछ बहुत ही शातिर तरीके के लोग हैं, जो टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर रहे हैं। तो अभी इसका एक ही तरीका है कि हम लोगों को उसके प्रति जागरूक करें और खास तौर से टेक्नोलॉजी का यूज नहीं हो। व्हाट्सएप पर हम अपने अकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि पर्सनल जानकारी डाल कर रख देते हैं ताकि भूल ना जाए। एक बार जब यह जानकारी इस तरह किसी प्लेटफार्म पर आ गई तो फिर हैकर्स उसे हैक कर लेते हैं। कंप्यूटर विभाग से इसलिए हम यह प्रोग्राम चला रहे हैं कि जागरूकता आए। टेक्नोलॉजी के जरिए जागरूकता फैलाने के हमने बहुत सारे कोर्स शुरू किए हैं।