संस्कृति को जीवित रखने के किये युवाओं को जागृत होना जरूरी
रुनिजा। आज एक और युवा रोजगार की मांग को लेकर दर-दर भटक रहे हैं आंदोलन कर रहे हैं। और सरकार से आस लगाए हुए हैं। इन्हीं युवाओं के बीच एक ऐसा युवा भी है जो विदेशों में लाखों का पैकेज छोड़कर, नौकरी छोड़ कर अपनी मातृभूमि , वतन में लौट कर भारतीय सभ्यता और संस्कृति का गांव गांव अलख रहा है । जी हां हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय युवा सलाहकार समिति के 5 सदस्यों में से एक सदस्य बडनगर तहसील के अमला निवासी राजपाल सिंह राठौर की जो विदेशों में एक अच्छी नौकरी करते थे। लेकिन स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित होकर अपने भारत की सभ्यता, संस्कृति को और प्रधानमंत्रीन के भारत विकास को जन जन तक पहुंचाने के लिए गांव-गांव युवाओं को जागृत कर रहे हैं । इसी कड़ी 11 सितम्बर को योग चेतना विज्ञान धर्माथ सेवा संस्थान बालाजी धाम रुनीजा में आयोजित एक शाम राष्ट्र के नाम और क्षेत्र के शिक्षाविदों का सम्मान में आयोजि कार्यक्रम में उपस्थित होकर सैकड़ों युवाओं को संबोधित करते हुए श्री राठौर ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने की जरूरत नहीं है। भारत तो पहले से ही विश्व गुरु है। राजपाल सिंह राठौर और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महंत स्वामी भरत दास का स्वागत क्षेत्र के जनपद सदस्य सुनील यादव, सरपंच प्रतिनिधि राजेश मईड़ा, माधवपुरा सरपंच सत्यनारायण धाकड़, गजनीखेड़ी सरपंच प्रतिनिधि को कोटिल्यसिह सिंह राठौर, राजू मिश्रा सहित कई युवाओं ने किया। संचालन आचार्य धीरेंद्र सिंह परिहार ने किया। आभार सत्य नारायण नागर ने व्यक्त किया।