बंद हुई कंपनी को फर्जी नामों से खड़ा किया और लगा दिया करोड़ों का चूना
इंदौर। सेंट्रल जीएसटी की इंदौर प्रिवेंटिव विंग ने 27 करोड़ का फर्जी आईटीसी घोटाला पकड़ा है। फर्जीवाड़े के तार कम से कम पांच राज्यों में फैले हैं। घोटाले को अंजाम देने वाले गिरोह ने बंद हुई कंपनी को फर्जी दस्तावेजों के जरिए खड़ा किया। फर्जी बिल और कंपनी के जरिए एक के बाद एक कई कारोबारियों को जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पास कर चोरी को अंजाम दिया गया। बंद कंपनी को खड़ा करने के लिए घोटालेबाजों ने फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्र भी इस्तेमाल किए।
इंदौर की एक कंपनी को कोयंबटूर की एक कंपनी से 27.58 करोड़ का आईटीसी पास हुआ है। तमिलनाडु की जिस कंपनी के नाम से आईटीसी इंदौर की कंपनी को पास किया गया असल में उस कंपनी के खाते या जीएसटीआर-2 में आइटीसी थी ही नहीं।
इसके बाद सीजीएसटी इंदौर की प्रिवेंटिव विंग ने जांच आगे बढ़ाई। पता चला कि इंदौर की जिस कंपनी के नाम से आइटीसी ली गई है उसके संचालक उसे बंद कर चुके हैं।
सीजीएसटी इंदौर के प्रिंसिपल कमिश्नर पार्थराय चौधरी के अनुसार विभाग फर्जी आईटीसी लेने वालों की कड़ियां जोड़कर आखिर में लाभ लेने वाली असल कंपनियों और लोगों तक पहुंचने में लगा हुआ है। इसके लिए जांच शुरू कर दी गई है। कंपनियों के जरिए फर्जी आइटीसी का गिरोह चला रहे लोगों तक भी पहुंचने में सफलता मिलेगी। जरूरत पड़ने पर अन्य जांच एजेंसियों की मदद भी लेंगे। क्योंकि फर्जी दस्तावेज आधार कार्ड भी बनाए गए हैं इसलिए इसमें आईटी एक्ट व अन्य कानूनों केे तहत भी कार्रवाई की जाएगी।