रिजल्ट नहीं आया तब भी 30 तक सेकंड ईयर में लेना है प्रवेश, नहीं तो साल बर्बाद
इंदौर। उच्च शिक्षा विभाग ने बीए, बीबीए, बीसीए, और बीएससी के छात्राें के लिए सेकंड ईयर में प्रवेश की समय-सीमा 30 सितंबर है। विभाग ने कहा यदि रिजल्ट भी नहीं आया तब भी सत्र 2021-22 के प्रथम वर्ष के छात्र 2022-23 सत्र के लिए सेकंड ईयर में तत्काल प्राेविजनल एडमिशन लें।
जाे छात्र फेल हाेंगे, उनका प्रवेश निरस्त हाे जाएगा। जिन्हें एक से चार विषय तक में पूरक आई है या आएगी, उनका एडमिशन पूरक पास हाेने के बाद पक्का माना जाएगा। एडमिशन के लिए इन छात्राें काे 500 रुपए शुल्क जमा करना हाेगी। 30 सितंबर के बाद ई-पाेर्टल बंद हाे जाएगा।
बीकॉम, बीए और बीएससी सेकंड ईयर में फेल हुए छात्राें के भविष्य पर सवाल बरकरार है। क्याेंकि उच्च शिक्षा विभाग डेढ माह के लंबे इंतजार के बाद भी इन छात्राें के मामले में काेई निर्णय नहीं पाया है। दरअसल सेकंड ईयर में फेल हुए 19 हजार से ज्यादा छात्राें का भविष्य संकट में है। इन छात्राें काे दाेबारा सेकंड ईयर में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है, इनके लिए भी 30 सितंबर आखिरी तारीख है। चूंकि इस सत्र से सेकंड ईयर में भी नई एजुकेशन पॉलिसी लागू हाे गई है। जबकि फेल हाेने वाले वे छात्र हैं जिन्हाेंने फर्स्ट ईयर पुरानी पॉलिसी से पूरा किया था। इन छात्राें का कहना है कि उन्हें ओल्ड काेर्स बैच बनाकर प्रवेश दिया जाए। दरअसल अगर विभाग जल्द फैसला नहीं लेगा ताे इन छात्राें के दाे साल खराब हाे जाएंगे। क्याेंकि इन्हें दाेबारा से फर्स्ट ईयर में एडमिशन लेना पड़ेगा। जबकि फर्स्ट ईयर में पास हाेने के बाद ही वे सेकंड में पहुंचे थे।
तत्काल लेना चाहिए निर्णय, देरी छात्र हित में नहीं
शिक्षाविदाें का कहना है कि विभाग काे तत्काल निर्णय लेना चाहिए। यह देरी छात्र हित में नहीं है। जाे छात्र सेकंड ईयर में फेल हुए हैं, उन्हें उसी क्लास में दाेबारा उसी कक्षा में माैका मिलना चाहिए। ऐसे छात्राें की ओल्ड काेर्स नाम से अलग बैच बनाई जा सकती है। चूंकि ऐसे छात्राें की संख्या अकेले इंदाैर में ही 19 हजार से ज्यादा है। अगर उन्हें दाेबारा प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया गया ताे दाे साल खराब हाे जाएंगे।