जैन मंदिर में जारी है सिद्घों की आराधना का अनुष्ठान
सुसनेर। नगर के श्री चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन छोटा मंदिर में चल रहे आठ दिवसीय सिद्धचक्र मंडल विधान के दौरान प्रतिदिन जिनेंद्र भगवान की आराधना के साथ ही रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जा रहा है।
गत रात्रि को सिद्धचक्र की महिमा पर आधारित मैना सुंदरी की नाटिका का मंचन किया गया। जिसमे दिखाया गया कि नाटिका की मुख्य पात्र राजकुमारी मैना सुन्दरी के पति को कुष्ठ का रोग हो जाने पर उसके द्वारा सिद्धचक्र मंडल विधान कर सिद्ध भगवान की आराधना की गई जिसके प्रभाव से राजकुमारी के पति की काया पुन: रूपवान हो गई।
विधानाचार्य अशोक जैन मामा ने बताया कि विधान का आयोजन आशा देवी राजमल जैन नदी वाला परिवार के द्वारा किया जा रहा है जिसमें पंडित कल्याणमल जैन कोटा, फूलचन्द जैन उन्हेल, मुकेश जैन शास्त्री के सानिध्य में प्रतिदिन सुबह भगवान का अभिषेक, शांति धारा, नित्यनियम पूजन के साथ संगीतमय मंडल विधान का पूजन कराया जा रहा है। जिसमें इंद्र इंद्राणियो द्वारा भगवान को अर्घ्य समर्पित कर जाप किये जा रहे है।
शुक्रवार को विधान में 1024 अर्घ्य समर्पित किये गए। रात्रि में महिला मंडल के द्वारा सामुहिक गरबा नृत्य किया गया। आयोजन का समापन शनिवार को विश्वशांति महायज्ञ के साथ किया जाएगा। समापन अवसर पर नगर में शोभायात्रा निकालकर भगवान का अभिषेक किया जाएगा।