इंदौर क्राइम ब्रांच टीआई की किसने की थी मुख्यमंत्री से शिकायत..? 5 शिकायतें तो खुद सांसद लालवानी कर चुके

इंदौर। इंदौर क्राइम ब्रांच टीआई धनेंद्रसिंह भदौरिया की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसने की और वे सीएम के टारगेट पर क्यों आ गए ? जैसे सवालों के जवाब अब सामने आने लगे हैं।
दरअसल, टीआई 300 करोड़ रुपये कीमती जमीन की जांच करने में घिर गए हैं। वे अफसरों को बायपास कर कारोबारी और बिल्डरों को नोटिस देने लगे थे। पांच मामले तो सांसद शंकर लालवानी खुद मुख्यमंत्री को बता चुके थे। इसमें दो प्रकरण छोटा बांगड़दा और निपानिया क्षेत्र के हैं। कुछ केस ऐसे भी हैं जिनका इंदौर से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन टीआई ने सीधे एफआईआर दर्ज कर ली।

खरगोन का केस, इंदौर में एफआईआर

आरोप है कि प्रकरण खरगोन का होने के बाद भी घटनास्थल गोपुर चौराहे का दर्शा कर टीआई ने सीधे एफआईआर कर ली। पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने एसीपी स्तर के अफसर को जांच सौंपी और केस में खात्मा लगवाया।
सुपर कारिडोर (छोटा बांगड़दा) स्थित करोड़ों रुपये की जमीन को लेकर भी टीआई विवादों में रहे।
फिलहाल मामला निपानिया क्षेत्र की 300 करोड़ से ज्यादा कीमती जमीन का है। थाना प्रभारी ने इस मामले में एक बिल्डर को नोटिस जारी कर दिया था जो कद्दावर नेता का रिश्तेदार है। नेता ने इस मामले में टीआई से बैठक की और हल निकालने की सलाह दी। टीआइ द्वारा दोबारा नोटिस देने पर मामला गर्माया और मुख्यमंत्री को शिकायत हो गई।

लाइन अटैच होते ही लौट आए

शिकायतों के चलते अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) राजेश हिंगणकर ने भदौरिया को लाइन अटैच कर दिया था। टीआई एक सप्ताह के भीतर पुलिस आयुक्त के मौखिक आदेश से थाना लौट आए।