सप्त महालक्ष्मियों के संरक्षण में है इंदौर, लता मंगेशकर को भी मिला था महालक्ष्मी का आशीर्वाद

 

योगेंद्र जोशी, इंदौर।

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर पर सात महालक्ष्मियों का आशीर्वाद है। देवी अहिल्या की इस आध्यात्मिक नगरी में धन की देवी महालक्ष्मी के सात मंदिर
व्यापारियों सहित अन्य लोगों की आस्था के केंद्र हैं। संभवत: यह भी एक बड़ा कारण है कि इस कारोबारी नगरी में बाहर से आने वाले असंख्य छोटे- बड़े व्यापारी भी अपने कारोबार में सफलता प्राप्त कर अच्छी कमाई कर रहे हैं।

राजवाड़ा चौक

राजवाड़ा चौक में शहर का प्राचीनतम महालक्ष्मी मंदिर स्थापित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में देवी अहिल्या बाई सहित होलकर राजवंश के सदस्य नित्य दर्शन और पूजन अर्चन करते थे। शहर के मध्य और प्रमुख बाजारों के निकट होने के कारण अधिकांश व्यापारी आज भी मां महालक्ष्मी से आशीर्वाद लेते हुए ही अपनी दुकान तक पहुंचते हैं। यहां महालक्ष्मी अपने दिव्य स्वरूप में हैं और दोनों तरफ से गज उनके उन्हें कमल का पुष्प अर्पित कर रहे हैं।

गैस हाउस रोड

श्री कृष्ण टॉकीज की गली यानी गैस हाउस रोड पर अभी शहर का अत्यंत प्राचीन महालक्ष्मी नगर है। यह तो सभी जानते हैं स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म इंदौर के सिख मोहल्ला में हुआ था। उनका बचपन शहर के इसी क्षेत्र में गुजरा था। लताजी अपने माता- पिता के साथ विशेष पर्व – त्योहारों पर इस मंदिर में दर्शन करने जाया करती थी। यहां देवी का श्रृंगार महाराष्ट्रीयन शैली में होता है।

उषा नगर

उषा नगर के मध्य बगीचे में स्थित यह मंदिर करीब 30 वर्ष पुराना है। यहां पर देवी महालक्ष्मी अत्यंत मनमोहक स्वरूप में विराजित हैं। इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित है, इसलिए यहां लगभग सभी पर्व त्योहारों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। ‌ दीपावली पर भी धनतेरस से भाई दूज तक यहां भक्तों का मेला सा लगा रहता है। इस अवसर पर देवि का विशेष रूप से श्रृंगार भी किया जाता है। ‌

खजराना गणेश मंदिर परिसर

खजराना के प्राचीन सिद्धिविनायक गणेश मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही बांयी ओर की मंदिर संख्याओं में प्रथम मंदिर देवी महालक्ष्मी का है। यहां मंदिर का आकार प्रकार कलश के रूप में है और मंदिर में देवी अत्यंत मनमोहक स्वरूप में विराजित हैं। वैसे तो खजराना गणेश मंदिर परिसर में स्थित सभी देवालयों में नित्य श्रृंगार और पूजन आरती की जाती है, लेकिन दीपावली पर्व पर महालक्ष्मी मंदिर की विशेष साज सज्जा एवं देवी का श्रृंगार किया जाता है। खजराना गणेश मंदिर परिसर में मंदिर श्रृंखलाओं का शुभारंभ करने वाले ब्रह्मलीन मुख्य पुजारी दादा पंडित भालचंद्र भट्ट ने महालक्ष्मी मंदिर के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा था।

अन्नपूर्णा मंदिर परिसर

शहर के प्रमुख दर्शनीय एवं प्राचीन अन्नपूर्णा मंदिर के परिसर में स्थित विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों में देवी महालक्ष्मी के भी दर्शन होते हैं। अन्नपूर्णा मंदिर दक्षिण भारत की शिल्पकला एवं अनेक देवी देवताओं की मूर्तियों के लिए पूरे देश भर में प्रसिद्ध है और इंदौर में आने वाले पर्यटक एवं दर्शनार्थी इस मंदिर में अवश्य आते हैं।

यशवंत गंज

इसी तरह शहर के पश्चिम क्षेत्र मल्हारगंज के यशवंत गंज क्षेत्र में श्री गोवर्धन नाथ मंदिर के सामने भी महालक्ष्मी मंदिर है, जहां पर दीपावली पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां भी माता महालक्ष्मी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

शक्कर बाजार

शहर के ठीक मध्य में शक्कर बाजार स्थित महालक्ष्मी मंदिर की बात ही निराली है। यह मंदिर भी अत्यंत प्राचीन है एवं कपड़ा व्यापारियों के आस्था का बड़ा केंद्र है। दीपावली पर विशेष श्रृंगार के साथ यहां छप्पन भोग लगाने की परंपरा है।