कपिलधारा योजना की शेष राशि चाहिए तो रुपए दो, रोजगार सहायक ने मांगी रिश्वत
सारंगपुर। मनरेगा के अंतर्गत आने वाली कपिलधारा कूप निर्माण योजना में ग्राम पंचायत भूमका में रोजगार सहायक द्वारा रिश्वत मांगने सहित अन्य गडबड़ियों से संबंधित लगातार शिकायतें सामने आ रही है लेकिन जिम्मेदार कार्रवाई को तैयार नहीं है। रोजगार सहायक गांव के किसी व्यक्ति से आवास स्वीकृत कराने के लिए रिश्वत मांग रहा है। उल्लेखनीय है कि उक्त रोजगार सहायक ललित नागर को पूर्व में गडबड़ियों के चलते पद से पृथक कर दिया गया था जिसकी पुन: बहाली हो गई। लेकिन उसके बाद भी वर्तमान में भी इसकी गडबड़ी थमने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि इन सब मामलों में रोजगार सहायक ने सारे आरोपों का खंडन किया है।
शिकायतकर्ता अमर सिंह पिता किशनलाल तंवर निवासी सुस्याहेड़ी ने रोजगार सहायक पर आरोप लगाया है कि उसने कपिलधारा कूप के तहत कुआं खुदवाया। मैं गरीब लघु काश्तकार है उसको शासन के द्वारा 2 लाख 46 हजार रुपये स्वीकृत हुए जिसमें से 85 हजार रुपये मिले और कपिलधारा कूप का पुरी तरह से निर्माण हो चुका है। चूंकि रोजगार सहायक व अधिकारियों के द्वारा कहा गया था कि कुआं पूरा कर लो हम समस्त शेष राशि 1 लाख 51 हजार रुपये दिलवा देंगे। अब मुझसे रोजगार सहायक ललित नागर के द्वारा 20 हजार रुपये की मांग की गई कि तुम मुझे 20 हजार रुपया लाकर दो। मैं तुम्हे तुम्हारी शेष राशि दिलवा दुंगा। जब तक नहीं दोंगे राशि नहीं मिलेगी। शिकायतकर्ता ने कहा कि मेरे द्वारा 5 मई 2022 को रोजगार सहायक को 10 हजार रुपये दे दिए है, 10 हजार रुपये और नहीं देने पर राशि नहीं डलवाई जा रही है। श्री तंवर ने अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि रोजगा सहायक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें और 10 हजार सहित कुएं की शेष राशि दिलवाई जाए। इसके अतिरिक्त शिकायतकर्ता देवीलाल पिता प्रताप वर्मा ने रोजगार सहायक पर आरोप लगाए कि तालाब गहरीकरण के नाम पर तालाब की पाल को रोजगार सहायक द्वारा बड़ाकर दिया गया है जिससें मेरे खेत में पानी घुस रहा है और 12 बीघा की फसल भी खराब हो गई है। रोजगार सहायक ने मिलीभगत से फर्जी तरीके से कार्य किया है। वर्मा ने उचित जांच कर कार्रवाई की मांग की है। जनपद पंचायत सीईओ डीएन पटेल का कहना है कि शिकायत मिलने पर रोजगार सहायक कार्यप्रणाली की जांच की जाएगी। दोषी पाये जाने पर सख्त कदम उठाये जाएगें।