इंदौर में दौड़ रही थी दिल्ली से चुराई हुई कारें
चोरों के अजब गजब तरीके : एक्सीडेंटल कार को बदल दिया चोरी की कार से
इंदौर। दिल्ली से चोरी हुई कारों को इंदौर में खपाया जा रहा था। कभी नंबर बदलकर तो कभी गाड़ी ही बदल कर। इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऐसे ही दो आरोपियों को पकड़ा और उनसे तीन कार भी बरामद की है। इन बदमाशों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल के अनुसार कुछ वक्त पहले दिल्ली पुलिस चोरी की कारों के सिलसिले में इंदौर आई थी। इसके बाद से ही क्राइम ब्रांच की टीम को एक्टिव किया गया था। इस बीच खजराना क्षेत्र में रहने वाले दो मैकेनिक सोनू उर्फ इफ्तियार पिता अब्दुल रफीक और आफताब खान पिता अख्तर के बारे में संदिग्ध कारों की जानकारी मिली। जानकारी निकाली तो पता चला उन्होंने दिल्ली में चोरी हुई कारों को इंदौर में खपाया है। इसमें एक मामला तो ऐसा था कि फरियादी को तीन महीने तक पता नहीं चला कि वह चोरी की गाड़ी ड्राइव कर रहा है।
रिपेयरिंग पर दी तो चोरी की कार ही पकड़ा दी
फरियादी की स्विफ्ट कार एक्सीडेंटल हो गई थी। फरियादी ने इंश्योरेंस क्लेम नहीं किया क्योंकि इंश्योरेंस का कुछ इश्यू था। फरियादी ने अपनी कार सुधरने के लिए इन आरोपियों के गैरेज पर दी। बदमाशों ने दिल्ली की चोरी की कार को खपाने के लिए फरियादी की एक्सीडेंटल कार को ही बदल दिया। आरोपियों ने चोरी की कार को फरियादी की कार से बदल दिया और उसे दे दी और उससे रिपेयरिंग के 1 लाख 30 हजार रुपए भी ले लिए। बताया जा रहा है कि करीब तीन महीने से फरियादी दिल्ली से चोरी हुई कार ही ड्राइव कर रहा था। क्राइम ब्रांच ने इसकी जानकारी उसे दी।
उज्जैन में बेच दी i20 कार
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने एक i20 कार को उज्जैन के अंकित नाम के व्यक्ति को बेच दिया था। वह भी फरियादी के ही माध्यम से बदमाशों ने कार को बेचा। खास बात यह है कि दिल्ली की इस चोरी की कार को ट्रांसफर भी किया गया। यानी कार ट्रांसफर की पूरी प्रोसेस के साथ इसे बेचा गया। इस मामले में आरोपियों से ओर पूछताछ की जा रही है, ताकि बदमाशों ने कार को कैसे बेचा इसका पता लगाया जा सके और आरटीओ विभाग में कैसे ये कार ट्रांसफर हुई इसका पता चल सके।