सरकार आदिवासियों को पलकों पर बैठा रही और इंदौर में उन्हीं पर जुल्म ..!
आदिवासी मजदूर महिला का मकान खाली करवाने पहुंचे गुंडे, पुलिस ने भी दिया साथ, फरियादियों के साथ ही मारपीट
दलित नेता मनोज परमार ने एसीपी को बताई जुल्म की दास्तां, तब हुई गुंडों पर एफआईआर
ब्रह्मास्त्र विशेष इंदौर।
एक तरफ तो शिवराज सरकार आदिवासियों को पलकों पर बैठा कर पूज रही है। दूसरी ओर सरकारी तंत्र यानी पुलिस उन पर जुल्म ढा रही है। तीन दिन बाद आदिवासियों के आराध्य बिरसा मुंडा की जयंती है। आदिवासियों को खुश करने के लिए सरकार इसे जोर-शोर से मनाने जा रही है, वहीं वायरल वीडियो और आरोप तो यही दर्शित कर रहे हैं कि इंदौर में हुई एक घटना ने गुंडों और सरकारी तंत्र द्वारा आदिवासियों पर जुल्म की नई दास्तां लिख दी है।
घटना द्वारकापुरी थाना क्षेत्र के ऋषि पैलेस कालोनी की बताई जा रही है।
पुलिस ने फरियादियों के साथ ही कर दी मारपीट
यहां रहने वाली मीराबाई और उनके बेटे सुनील तथा अनिल के मकान को खाली करवाने के लिए कैलाश यादव, कमल मौर्य, मुनीम सुनील पहुंचे थे। मीराबाई ने बताया कि वह 15 साल से यहां रह रही है। गुंडों के साथ आकर कैलाश यादव ने तोड़फोड़ तथा मारपीट शुरू कर दी तो उन्होंने डायल 100 पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस की एफआरवी गाड़ी आई, जिसमें सादी वर्दी में 3 पुलिस वाले थे। उन्होंने फरियादी मीराबाई और उनके बेटों के साथ ही मारपीट शुरू कर दी तथा गाड़ी में बैठा कर ले गए। उन्हें थाने में तब तक रखा गया, जब तक कि मकान खाली नहीं हो गया।
परमार ने एसीपी बात की तब हुई एफआईआर
प्रताड़ित परिवार दलित नेता मनोज परमार के पास पहुंचा। श्री परमार ने बताया कि यह आदिवासी परिवार सालों से यहां पर निवास कर रहा है। चद्दर और पतरे का झोपड़ा बनाकर यहां रहता है। बताया जाता है कि इतने सालों में तो यहां पर कोई आया नहीं परंतु अचानक कैलाश यादव, कमल मौर्य, सोहनलाल सोनी आदि ने फर्जी नोटरी तैयार करके इस पर अपना हक जमाने का प्रयास किया। इनके घर में तोड़फोड़ की और घर से निकालने की कोशिश की। जब यह पुलिस प्रशासन से मदद मांगने गए तो पुलिस ने पीड़ित पक्ष के साथ दुर्व्यवहार किया। तोड़फोड़ और मारपीट करते हुए के वीडियो भी हैं। यह मजदूर परिवार है। यह परिवार सब दूर से व्यथित हो गया था तो फिर मेरे पास आया। मैंने जब पुलिस से बात की तो टी आई अलका उपाध्याय ने अदम चेक काट कर दे दिया । उन्होंने बताया कि वह खुद जाकर एसीपी श्री परिहार से मिले तथा उन्हें पूरी बात बताई कि यह आदिवासी मजदूर परिवार है। महिला के घर में तोड़फोड़ की गई है। महिला के घर में घुसकर मारपीट की गई है। बुजुर्ग महिला है। उसे चोट पहुंची है, धारा 452,323 की कार्यवाही नहीं की गई , एट्रोसिटी एक्ट भी नहीं लगाया तब फिर उन्होंने एफ आई आर दर्ज की।
पुलिस पिटाई का वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा की गई पिटाई का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। कैलाश यादव और कमल मोदी पर पूर्व में 10 से अधिक अपराध बताए जा रहे हैं है। अधिकारियों ने जांच के बाद दोषी पाए जाने पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्यवाही की बात कही है।