रायसेन के शिशु गृह में 3 हिंदू बच्चों का धर्म परिवर्तन

संचालक ने दो बहन और एक भाई के मुस्लिम नाम से बनवा दिए आधार कार्ड

रायसेन। जिले के गौहरगंज में मां-बाप से बिछड़े 3 हिंदू बच्चों को मुस्लिम बना दिया। तीनों बच्चे भाई-बहन हैं, जो वर्ष 2020 में कोविड में लगे पहले लॉकडाउन से पूर्व मंडीदीप में अपने मां-बाप से बिछड़ गए थे। ये बच्चे 3 साल से गौहरगंज में सरकारी अनुदान पर चलने वाले शिशु गृह में रह रहे हैं। बच्चे ओबीसी हैं। उम्र 4, 6 और 8 वर्ष है। दो बहन और एक भाई है।
बाल गृह का संचालक मुस्लिम है। उसने इन बच्चों के हिंदू नाम बदलकर मुस्लिम रख दिए और मुस्लिम नाम से ही इनका आधार कार्ड भी बनवा दिया। मामले का खुलासा तब हुआ, जब शिकायत पर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो इस शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे। बच्चों ने बताया कि पहले उनके नाम दूसरे थे, अब यहां के टीचर ने उनके दूसरे नाम रख दिए हैं। आधारकार्ड में बच्चों के माता-पिता के बजाए केयर टेकर के रूप में शिशु गृह के संचालक हसीन परवेज का नाम दर्ज है।

शिशु गृह के सभी दस्तावेज हुए जब्त

इस शिशु गृह में 5 बच्चे रहते हैं। इनमें से तीन सगे भाई-बहन हैं। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने शिशु गृह के संचालक को फटकार लगाते हुए शिशु गृह के सभी दस्तावेज जब्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही महिला बाल विकास विभाग को जांच कर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए हैं।
3 साल पहले ये बच्चे भोपाल में
भटकते हुए मिले थे। तब भोपाल बाल कल्याण समिति ने बच्चों की पहचान के बाद इन्हें रायसेन बाल कल्याण समिति को सौंप दिया था। समिति ने बच्चों के माता-पिता के नहीं मिलने तक उन्हें गौहरगंज के शिशु गृह को सौंप दिया था। भोपाल और रायसेन बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट में तीनों बच्चों के नाम हिंदू ही दर्ज हैं।
शाहरुख, सुहाना और रुखसाना (नए नाम) के पिता मंडीदीप में किसी फैक्ट्री में गार्ड हैं। आपसी विवाद के बाद मां पति के साथ नहीं रहती। वह बच्चों को लेकर भोपाल चली गई थी। यहां वह ताजुल मस्जिद के पास किसी मुस्लिम फकीर के साथ भीख मांगने लगी। कोविड में बच्चे मां से बिछड़ गए।