73.80 लाख से कराये जा रहे गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य
जीरापुर। हमेशा चर्चा में रहने वाली कृषि उपज मंडी में 73.80 लाख के विभिन्न निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है किसानों सहित अन्य लोगों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराने के उपरांत भी मंडी बोर्ड के अधिकारी ध्यान नही दे रहे हैं ! प्रति वर्ष लाखों रुपये की आमद प्रदान करने वाली पचौर रोड स्थित कृषि उपज मंडी में किसानों को कोई सुविधा उपलब्ध नही है पीने के पानी काम्पलेक्स सहित कृषक विश्राम गृह बैठने तक को उपलब्ध नही है, मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा केंटीन के लिए बिल्डिंग, दो चेक पोष्ट नाका, ट्राली शेड, पानी की टंकी, मरम्मत टूयूब वेल सहित अन्य निर्माण कार्य 73.80 लाख रुपये की लागत से किये जा रहे हैं किसानों का आरोप है की उक्त निर्माण कार्य को कोई देखने तक नहीं आता करीब 19.98 लाख से एक शेड का निर्माण किया जा रहा उक्त शेड जहा किसानों की उपज की नीलामी होना है उक्त शेड के निर्माण में एजेंसी द्वारा लापरवाही बरती जा रही है जिसमें तैयार कराये गये प्लेटफार्म पर सरिये तार की जाल मानक अनुसार नही डाली गई है वही उक्त कार्य में पतले तारो का उपयोग किया गया है इसी प्रकार चेक पोस्ट निर्माण के लिए जो कालम लगाये गये हैं उनमें नीचे 2 से ढाई फीट गड्ढे खोदे गए हैं सुबह एक ही दिन में पेशवा उस पर पालम खड़े कर गड्ढा बंद कर दिया गया जिससे उनकी मजबूती पर सवालिया निशान लगा हुआ है केंटीन निर्माण में भी किसानों ने गुणवत्ता की अनदेखी की बात कही है ! उक्त निर्माण कार्य के लिए मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा निविदा जारी कर टेंडर दिया गया है जिसकी देखरेख के लिए मंडी बोर्ड द्वारा इंजिनियर भी नियुक्त है परन्तु उन्होने भी इसके निर्माण पर ध्यान नही दिया। कृषि उपज मंडी में केंटीन के अभाव में किसानों को शासन की योजना अनुसार भोजन नही मिल पाता है,?? वही कृषक विश्राम गृह पर ताला जडा पडा है जहा अब तक बिजली पानी की व्यवस्था नही जूटा पाये है इसी के अभाव में शौचालय भी बंद है।
73.80 लाख से होंगे कार्य
कृषि उपज मंडी समिति के सचिव मूलचन्द जोशी ने बताया की मंडी परिसर में ट्राली शेड मरम्मत 19.86 लाख, दो चेक पोस्ट निर्माण 14 लाख, ट्राली शेड निर्माण 19.98 लाख केंटीन, पानी की टंकी का 19 लाख की लागत से निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होने बताया की उक्त निर्माण कार्य मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा जारी टेंडर अनुसार जारी है।
मूलभूत सुविधाएं नहीं है
मंडी में किसानों के लिए पेयजल के पर्याप्त प्रबंध नही है , 15 साल पहले तैयार कृषक विश्राम गृह बंद पडा है सुविधा घर बना परंतु लाभ नही मिल रहा है पेयजल के लिए एक टेंकर खडा रहता है ! किसानों के विश्राम गृह में बिजली पानी की कमी है 15 साल बाद भी मंडी बोर्ड यहा व्यवस्था नहीं जूटा पाया है। शौचालय बंद रहने से किसानों को खुले में जाना पडता है जबकि देश में स्वच्छ भारत अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार है।