तत्कालीन सचिव ग्राम पंचायत डूंगरखेडा को चार-चार वर्ष सश्रम कारावास

10 हजार रुपये अर्थदण्ड भी लगाया होली जेल मे मनेगी
उज्जैन
एक भ्रष्टाचार के मामले में विशेष न्यायाधीश  पंकज चतुर्वेदी द्वारा विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त  के अपराध क्रमांक 18/2018 में तहसील महिदपुर के ग्राम पंचायत डूंगरखेड़ी के तत्कालीन सचिव  देवेन्द्र सिंह परिहार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13(2) में चार-चार वर्ष सश्रम कारावास एवं दोनों धाराओं में कुल दस हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। मुख्य अभियोजन अधिकारी लोकायुक्त मनोज कुमार पाठक एवं पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त शैलेंद्र सिंह चौहान के अनुसार  फरियादी बहादुर सिंह बगड़ावत निवासी ग्राम सिमरोल ने  15 जनवरी 2018 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को शिकायत की  थी कि नई आबादी नयाखेड़ा सिमरोल में उसका मकान शासकीय भूमि पर बना हुआ है। मकान का स्थाई पट्टा  बनवाने के लिए ग्राम पंचायत डूंगरखेड़ी के सचिव द्वारा उससे 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है। वह रिश्वत नहीं देना चाहता बल्कि उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है। शिकायत की तस्दीक वॉइस रिकॉर्डर के माध्यम से कराए जाने पर आरोपी पंचायत सचिव द्वारा रिश्वत की स्पष्ट मांग की जाना साबित पाया गया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देशन में तत्कालीन निरीक्षक  दिनेश रावत द्वारा ट्रैप कार्यवाही आयोजित कर आरोपी का हाथ घोल में धुलाये जाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया । घोल में फिनाफ्थलीन रसायन धनात्मक पाया गया था। प्रकरण की विवेचना निरीक्षक  बसंत श्रीवास्तव द्वारा की गई।  लोकायुक्त संगठन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में  प्रस्तुत किया गया था। । प्रधान आरक्षक जागन सिंह द्वारा सहयोग किया गया।