धूमधाम से किया धर्म- ध्वजा का परिवर्तन
बिछड़ौद। श्वेतांबर जैन समाजजनों ने बुधवार को श्री सुविधीनाथ प्रभु जिनमंदिर का 24वां वर्षगांठ महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए धर्म- ध्वजा का परिवर्तन किया। सुबह 6 बजे से ही समाज के श्रावक- श्राविकाओं का स्थानीय जिन मंदिरों में दर्शन- पूजन को लेकर सैलाब उमड़ा। समाज के श्रावक- श्राविकाओं ने बड़ी शांति और सद्भावना के साथ दर्शन- पूजन करते हुए वर्षगांठ महोत्सव की खुशियाँ मनाई। सर्वप्रथम गांव के श्री सुविधीनाथ प्रभु एवं श्री विमलनाथ प्रभु जिन मंदिर परिसर में समाज के श्रावक- श्राविकाओं ने मंदिर परिसर में एकत्रित होकर आकर्षक सजावट के साथ 6:30 बजे के शुभ मुहूर्त में दोनों जिनमंदिर परिसरों में अक्षत से कई प्रकार की कलाकृतियों में गहुलीयां बनाई।
7 बजे से श्रावक- श्राविकाओं ने नित्य- नियमित होने वाले जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ पाद- प्रक्षालन करते हुए वासक्षेप, केशर इत्यादि से पूजा- अर्चना की। भगवान की अंगरचना रखबचंद्र चौरड़िया, पुजारी गोविंद शर्मा ने की। बाद में 9 बजे स्नात्र पूजन का आयोजन हुआ। वहीं 10 बजे से मंदिर परिसर में विधि- विधान पूर्वक ध्वजारोहण हेतू सत्तरहभेदी महापूजन का आयोजन करने के साथ अनेक प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी संपन्न हुए। विधिकारक शांतिलाल जैन (मक्सी वाले) रहे। तत्पश्चात समाजजनों ने गांव के प्रमुख मार्गों से वरघोड़ा निकाला। आयोजन के लाभार्थी मूलचंद चौरड़िया का परिवार अपने सिर पर ध्वजा लिए वरघोड़े में चला। समाज के युवा और महिलाओं ने पुण्याहाम- पुण्याहाम, प्रियंताम- प्रियंताम के साथ भगवान महावीर प्रभु के जयकारे लगाते हुए वरघोड़े को गुंजयमान बना दिया। वरघोड़ा गांव के प्रमुख मार्गों से होते हुए वापस मंदिर परिसर पहुंचा। जहां दोपहर 12:39 बजे के शुभ मुहूर्त में समाजजनों ने मंदिर शिखर पर पहुंचकर धर्म- ध्वजा का परिवर्तन किया। श्रावक- श्राविकाओं ने बड़े भक्ति- भाव के साथ झुमते- गाते हुए महोत्सव का खुब आनंद लिया। बाद में चैत्यवंदन, देववंदन का पाठ करते हुए शांति कलश आदि के आयोजन भी हुए। तत्पश्चात विधिकारक शांतिलाल जैन (मक्सी) का मोतियों की माला पहनाते हुए श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। समापन पर भगवान की आरती कर प्रभावना बांटी। इस दौरान घोंसला, महिद्पुर, तराना, मक्सी, उज्जैन, इंदौर, नीमच, भोपाल सहित अन्य जगहों के सैंकड़ों समाजजन आदि मौजूद रहे। जानकारी प्रियांशु चौरड़िया ने दी।