नर्मदा नदी में कोरोना वायरस की आशंका, दूर की कौड़ी लाए इंदौरी दादा
मध्य प्रदेश की लाइफ लाइन के बारे में मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, क्या शिवराज करवाएंगे प्रदेश की नदियों की जांच?
इंदौर। गुजरात की साबरमती नदी में कोरोना वायरस निकला। अब यह दूर की कौड़ी रूपी आशंका दादा दयालु कहे जाने वाले इंदौर दो के विधायक रमेश मेंदोला लेकर आए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए आशंका व्यक्त की है कि कहीं नर्मदा नदी में तो कोरोना वायरस नहीं है ? इस मामले की जांच करवानी चाहिए । आशंका के हिसाब से अगर देखा जाए तो यदि नर्मदा नदी के जल में कोरोना वायरस पाया गया तो मालवा निमाड़ बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। यह वह क्षेत्र है जहां नर्मदा का पानी सिर्फ उसके किनारे वाले क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि इंदौर ,देवास, उज्जैन जैसे दूर सुदूर शहरों में भी पहुंचता है। उज्जैन में तो नर्मदा जल को शिप्रा नदी में मिलाया हुआ है, हालांकि यह सिर्फ आशंका ही है लेकिन बात पते की है। प्रदेश की अन्य नदियां व जल स्रोत भी कोरोना प्रभावित हो सकते हैं। नर्मदा नदी तो मध्य प्रदेश की लाइफ लाइन कही जाती है। अगर इसमें कुछ गड़बड़ निकली तो हालात भयावह हो सकते हैं।
विधायक मेंदोला ने अपने पत्र में लिखा कि गुजरात और आसाम की नदियों के जल में मिले वायरस को देखते हुए मेरा आपसे आग्रह है कि कृपया IIT और अन्य शोध संस्थानों से प्रदेश के विभिन्न स्थानों से नर्मदा नदी और पानी के अन्य सभी प्रमुख स्रोतों की जांच करवाने का कष्ट करें।
हमारे जल स्रोत संक्रमण से बच सके इस हेतु विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर जागरण अभियान की रूपरेखा बनाई जाए और भगवान ना करें यदि यहां भी इस तरह की कोई घटना सामने आए तो आपके नेतृत्व में शासन-प्रशासन प्रोएक्टिव भूमिका निभाकर तत्काल उससे निपटने का एक्शन प्लान बना सकें।
उल्लेखनीय है कि आईआईटी गांधीनगर और देश के 8 शोधसंस्थानों ने गुजरात के कर्णावती (अहमदाबाद) की साबरमती नदी और दो अन्य तालाबों से 29 दिसंबर 2020 से हर सप्ताह पानी के सैंपल लेकर जांच की थी। इस दौरान साबरमती नदी से 694, कांकरिया तालाब से 549 और चंदोला तालाब से 402 नमूने लिए गए थे। जांच में इन सभी सैंपल्स में कोरोना वायरस पाया गया। इसके अलावा आसाम में भी एक जगह पानी में कोरोना वायरस पाया गया है।