फर्जी पत्र से रासुका हटवाने की कोशिश कर रहा था इंदौर का भू माफिया दीपक मद्दा
याचिका का जवाब देने के दौरान पुलिस अफसरों को शक हुआ तो गृह विभाग से जानकारी मांगी, इसके बाद मद्दा का झूठ पकड़ाया
इंदौर। इंदौर का भूमाफिया दीपक मद्दा ने अपर मुख्य सचिव (एसीएस) का फर्जी पत्र हाई कोर्ट में भी पेश कर दिया था। वह इस पत्र के आधार पर ही उस पर दर्ज एफआईआर क्वेश करवाना चाहता था। याचिका का जवाब बनाने वाले अफसरों को पत्र पर शक हुआ और गृह विभाग से जानकारी मांग ली। पुलिस ने फरार होने पर मद्दा के घर नोटिस चस्पा करवाया है।
डीसीपी जोन-2 संपत उपाध्याय के मुताबिक, दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसोदिया निवासी न्यू पलासिया पर एमआईजी, खजराना थाने में छह केस दर्ज हुए थे। आरोपी ने हाई कोर्ट से राहत ले ली थी। तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा लगाई गई रासुका को कटवाने के लिए उसने एसीएस (गृह) डा. राजेश राजौरा का पत्र पेश कर दावा किया कि उसके खिलाफ रासुका निरस्त कर दी गई है। उसने हाई कोर्ट में भी याचिका दायर कर दी और एसीएस के फर्जी पत्र का उल्लेख किया। दावा किया कि उसके खिलाफ प्रकरणों में नियमों का पालन नहीं हुआ है। रासुका भी गलत तरीके से लगाई थी। एसीएस स्वयं पुलिस प्रशासन की कार्रवाई अवैधानिक बता चुके हैं।
याचिका का जवाब देने के दौरान अफसरों को पत्र पर शक हुआ। पत्र में न तो अफसरों को संबोधित किया गया, न उसकी प्रतिलिपि भेजी गई। खजराना टीआई दिनेश वर्मा ने गृह विभाग से जानकारी मांगी तो सचिव (गृह) गौरव राजपूत ने बताया कि एसीएस कार्यालय से उक्त पत्र जारी ही नहीं हुआ है। डीसीपी के मुताबिक, कलेक्टर कार्यालय ने भी रासुका निरस्ती से इनकार किया है। पुलिस अब मद्दा पर दर्ज केस के आधार पर उन प्रकरणों की जमानत निरस्त करवाएगी जो पिछले दिनों हाई कोर्ट से मिली थी। फिलहाल पुलिस मद्दा की तलाश कर रही है। उसके घर पर नोटिस भी चस्पा करवा दिया है।