जेल में बंद सूदखोर के अवैध कब्जों पर चला बुल्डोजर
उज्जैन। कुख्यात सूदखोर के आतंक पर लगाम लगाते हुए पुलिस द्वारा जेल भेजे जाने के बाद मंगलवार को नगर निगम ने उसके अवैध कब्जो पर बुल्डोजर चला दिया। सूदखोर पर हुई कार्रवाई के बाद लोगों का विश्वास पुलिस और प्रशासन पर बढ़ गया है।
ढांचा भवन में रहने वाले कुख्यात बदमाश मोंटू गुर्जर ने कुछ सालों से सूदखोरी का धंधा भी शुरू कर दिया था। उसने क्षेत्र में आॅफिस तक बना लिया था। जरूरतमंदों को पहले अपने जाल में फंसाता था और बड़े पैमाने पर ब्याज वसूली करता था। जाल में फंसने के बाद पैसा नहीं देने वह लोगों की चल-अचल संपत्ति पर कब्जा कर लेता था। 8 दिसंबर को हीरामिल की चाल में रहने वाले कुणाल डोरवाल को मोंटू गुर्जर ने अपने साथी अजय के साथ मिलकर बंधक बना लिया था। कुणाल के पिता कमल ने 2018 में 50 हजार रुपए दिये थे, बदले में पांच लाख लौटा चुके थे। बावजूद सूदखोर पैसों की डिमांड कर रहा था। जिसके चलते कुणाल के पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों ने पुलिस कंट्रोल रूम पर शव रख सूदखोर पर सख्त कार्रवाई की मांग रखी थी। चिमनगंज पुलिस ने कुणाल की शिकायत पर बंधक बनाकर मारपीट का प्रकरण दर्ज किया और मोंटू के साथ उसके साथी अजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 10 दिसंबर को मोंटू की शिकायत अतिरिक्त विश्व बैंक कालोनी में रहने वाले कृष्णा उर्फ पप्पू कुशवाह ने चिमनगंज थाने पहुंचकर दर्ज कराई और बताया कि 2018 में 20 हजार लिये थे। 2 हजार प्रतिमाह देना तय हुआ। चार साल से 2 हजार रुपए दे रहा था। इस बीच 30 हजार पेलेन्टी के वसूल लिये। अब 1.92 लाख ओर मांग रहा है और मकान पर कब्जे की धमकी दे रहा है। पुलिस ने मोंटू के सूदखोरी के आतंक का ध्वस्त करने के लिये नगर निगम से उसके अवैध कब्जों की जानकारी प्राप्त की। सामने आया कि उसने ढांचा भवन में गार्डन पर कब्जा कर रखा है। वहीं क्षेत्र में तीन से चार मकान भी उसके कब्जे में है। मंगलवार को नगर निगम का अमला पुलिस बल के साथ ढांचा भवन पहुंचा और गार्डन में किए कब्जे को तोड़ दिया। उसके आफिस पर बुल्डोजर चलाया गया। वहीं 3 कब्जे के मकानों को तोड?े की कार्रवाई की। कब्जे किये गये मकान दूसरे के नाम से कर रखे थे। ढांचा भवन के लोगों की सूदखोर के खिलाफ पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की कार्रवाई देखी तो राहत की सांस ली।