‘रसूख’ के आगे इतना झुकी पुलिस… प्रधान आरक्षक की जान से खेलने वाले पर लगा दीं कमजोर धाराएं
इंदौर। यातायात नियमों का पालन करा रहे प्रधान आरक्षक शिवसिंह चौहान को कार के बोनट पर लटकाकर तीन किलोमीटर दूर ले जाने वाले आरोपी प्रॉपर्टी व्यवसायी का रसूख तो देखिए कि उस पर सामान्य धाराएं लगाकर बचा लिया। यही नहीं, हाथोहाथ जमानत भी दे दी।
दरअसल, प्रधान आरक्षक चौहान शहर के सत्यसाईं चौराहे पर सोमवार सुबह ड्यूटी कर रहे थे। इसी बीच कार (एमपी 07एमबी 0099) का चालक केशव उपाध्याय मोबाइल पर बात करते हुए और यातायात नियम तोड़ते हुए जाने लगा। प्रधान आरक्षक ने उसे रोका तो वह रुक गया।
आरोपी पर ये धाराएं लगाईं
धारा 353 (शासकीय कार्य में बाधा), धारा 279 (दुर्घटना), धारा 332 (लोक सेवक को भयभीत करना)
… जबकि प्रधान आरक्षक की जान भी जा सकती थी
बताया जाता है कि अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए आरोपी केशव ने कार में बैठे-बैठे ही कहा – गृहमंत्री से बात कर लो। उस वक्त सूबेदार सुरेंद्रसिंह चौहान और टीआई संतोष दूधी वहीं मौजूद थे। फोन वाकई गृहमंत्री का ही था, यह स्पष्ट नहीं हुआ। अफसरों ने किसी से भी बात नहीं की। प्रधान आरक्षक शिवसिंह के कथन पर एफआईआर दर्ज होने लगी। अधिकारियों ने शिवसिंह से कहा कि जानलेवा हमला यानी 307 का केस नहीं बनता है।
मुझे गिराने के लिए कार लहराई
कार देवास नाका से सत्यसाईं चौराहे की तरफ आ रही थी। चालक मोबाइल पर बातें कर रहा था। मैंने रोका और कहा कि चालान बनेगा। आरोपी केशव कार से उतरा और कहा- मेरा चालान कौन बनाएगा। सूबेदार की तरफ इशारा किया तो वह कार में जाकर बैठ गया। उसने कार स्टार्ट की और कहा- सामने से हट जा। मुझे टक्कर मार दी। मैं संभला और कार का बोनट पकड़ लिया। आरोपी तेज रफ्तार से कार दौड़ाने लगा। सिग्नल तोड़ता हुआ देवास नाका की तरफ भागा। बीच-बीच में ब्रेक लगाए ताकि मैं गिर जाऊं। मुझे गिराने के लिए कार इधर-उधर लहराई। वह चाहता था कि मैं गिरूं और किसी भारी वाहन से कुचल दिया जाऊं। सूबेदार और अन्य लोगों ने पीछा किया, पर कार नहीं रोकी। वह मेरी जान लेना चाहता था।