दुकान-दुकान जानलेवा चायना डोर तलाशती रही पुलिस
उज्जैन। जानलेवा चायना डोर पर प्रतिबंध के 14 दिन बाद बुधवार को दुकान-दुकान तलाश करने पुलिस निकली। जबकि एक सप्ताह से आसमान में दिनभर पतंगे उड़ाई जा रही है। 2 युवक चायना डोर की चपेट में आ चुके है।
14 जनवरी को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का पर्व शहर में पतंगबाजी के रूप में वृहद स्तर पर मनाया जाता है। कुछ वर्षो से इसके उत्सवी आयोजन भी शहर में देखने को मिले है। पंतगबाज अपना जौहर दिखाने के लिये घातक बन चुकी चायना डोर (नायलोन) का इस्तेमाल कर रहे है। डोर के परिणाम घातक होने पर तत्कालिन कलेक्टर कविन्द्र कियावत ने अपने कायार्काल के दौरान इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। बावजूद चायना डोर का उपयोग अब भी पतंगबाजी के लिये हो रहा है। पिछले वर्ष जीरो पाइंट ब्रिज पर छात्रा की डोर से गला कटने के बाद मौत भी हो गई थी। सैकड़ो लोग घायल हुए थे। इस बार संक्रांति के 45 दिन पहले ही कलेक्टर आशीषसिंह ने चायना डोर की खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए धारा 144 लागू कर दी है, लेकिन आसमान में पतंग उड़ रही है। 14 दिन बाद बुधवार को महाकाल पुलिस एसआई बल्लू मंडलोई टीम के साथ तोपखाना पहुंचे और दुकान-दुकान चायना डोर की तलाश शुरू की। करीब एक घंटे तक की गई सर्चिंग में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग पाया। पुलिस ने पूरे पतंगबाजी में दुकानदारों को हिदायत दी कि प्रतिबंधित डोर का व्यवसाय किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी और जिलाधीश के आदेश का उल्लघंन करने पर धारा 188 का प्रकरण दर्ज किया जाएगा।