गृहमंत्री ने किया इनकार ,जवान को कार से लटकाने वाला रिश्तेदार नहीं, फिर किसके दबाव में पुलिस ने जमानत भी दे दी और जिल्लत भी झेल रही?
इंदौर। प्रधान आरक्षक शिवसिंह चौहान को कार पर लटका कर 4 किलोमीटर तक ले जाने वाला रसूखदार केशव उपाध्याय पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का ठेकेदार निकला। पुलिस मुख्यालय से लेकर अफसरों के बीच पैठ रखने वाला केशव खुद को गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा का रिश्तेदार बताकर रौब झाड़ता है, जबकि गृहमंत्री उससे रिश्ते से इन्कार कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि आखिर केशव अफसरों से किसकी बात करवा रहा था। सवाल यही है कि आखिर किसके दबाव में पुलिस ने आरोपी को जमानत भी दे दी और जिल्लत भी झेल रही?
लक्ष्मीबाई कालोनी पढ़ाव (ग्वालियर) निवासी केशव पुत्र योगेश उपाध्याय पर मामूली धारा लगाकर पुलिस फंस गई है। यातायात थाने के प्रधान आरक्षक शिवसिंह चौहान को 4 किमी घसीटने के बाद भी पुलिस ने उसे थाने से जमानत दे दी। तीन दिन बाद भी पुलिस ने केशव के संबंध में जांच नहीं की। इंटरनेट मीडिया पर गृहमंत्री मिश्रा के साथ फोटो भी अपलोड है। उसकी पहली पत्नी बिलासपुर (छग) में एडिशनल एसपी है। वह केशव की आदतों के कारण 2018 में अलग हो गई। इसके बाद केशव ने धौलपुर (राजस्थान) में दूसरी शादी कर ली।
गृहमंत्री बोले ग्वालियर-इंदौर में नहीं रहता भानजा
बुधवार को इंदौर दौरे पर आए गृहमंत्री मिश्रा ने केशव उपाध्याय को पहचानने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि कार चालक से कोई लेना-देना नहीं है। मेरा कोई भानजा न इंदौर में रहता है, न ही ग्वालियर में है। केशव ने जवान को टक्कर मारने के बाद गृहमंत्री से बात करने की बात कही थी।
जमानत मिली, कार भी छूट जाएगी
जवान की जान से खेलने वाले केशव पर पुलिस ने यूं तो जमानती धाराओं में ही केस दर्ज किया था। बदनामी के डर से उसके खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई की और जेल भिजवा दिया। हालांकि बुधवार को खजराना एसीपी जयंत राठौर की कोर्ट से उसे 151 में भी जमानत मिल गई। जिस कार (एमपी 07एमबी 0099) से टक्कर मारी उसकी भी सुपुर्दगी के लिए कोर्ट में आवेदन लग गया।