भय्यू महाराज आत्महत्या मामला- पलक के बाद सजा काट रहे विनायक को भी सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

 

इंदौर। बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड केस में आरोपी पलक पुराणिक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक और आरोपी विनायक को राहत दी है। आरोपी द्वारा लगाई गई जमानत अर्जी पर हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे भी जमानत दे दी है। एक अन्य आरोपी शरद पंवार की जमानत अर्जी इंदौर हाई कोर्ट में लगी थी। इसमें बहस पूरी हो चुकी है, जबकि आदेश सुरक्षित है।
सुप्रीम कोर्ट में विनायक की जमानत की अर्जी पर सुनवाई चली। इसमें मध्य प्रदेश पुलिस की ओर से जमानत का विरोध किया किया। इस पर विनायक की ओर से उनके एडवोकेट ने तर्क रखे। कोर्ट को बताया गया कि आरोपी को ब्लैक मेलिंग और षड्यंत्र में 6 साल की सजा हुई है। वह तीन साल, 10 महीने का कारावास भुगत चुका है। यह भी तर्क दिया गया कि इसमें एक आरोपी (पलक पुराणिक) को 18 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है।

यह था मामला

12 जून 2018 को भय्यू महाराज ने अपने सिल्वर स्प्रिंग स्थित बंगले पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। दो महीने तक पुलिस की जांच पारिवारिक विवाद पर चलती रही। फिर छह माह बाद महाराष्ट्र से भय्यू महाराज के कई अनुयायी इंदौर पहुंचे थे और पुलिस अधिकारियों से फिर से जांच की मांग की थी। पुलिस ने जांच शुरू की और विनायक, पलक और शरद को गिरफ्तार किया गया। 28 जनवरी 2022 को जिला कोर्ट ने इन तीनों को दोषी ठहराया और छह-छह साल की सजा सुनाई। पलक पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। आरोप है कि वह भय्यू महाराज को ब्लैकमेल कर रही थी। इससे तंग आकर भय्यू महाराज ने आत्महत्या कर ली थी। इस काम में पलक के साथ महाराज के सेवादार विनायक दुधाले और शरद देशमुख भी थे।