आदिवासी पिता- पुत्र की हत्या से आक्रोशित दलित समाज ने किया घेराव
इंदौर से पहुंचे दलित नेता मनोज परमार के नेतृत्व में निकला पैदल मार्च, मंदसौर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
इंदौर/ मंदसौर। पिछले दिनों मन्दसौर जिले के ग्राम अलावदा खेड़ी में रहने वाले मजदूर आदिवासी परिवार पर गांव के दबंगों ने जानलेवा हमला किया था। हमले में गम्भीर रूप से घायल पिता कारूलाल भील और पुत्र सिमुन भील की मृत्यु हो गई।
इस वीभत्स हत्याकांड से समूचे दलित और आदिवासी समुदाय में प्रशासन को लेकर जो नाराजी थी।
इस घटना को लेकर इंदौर से पहुंचे अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार के नेतृत्व में रात से ही दलोदा स्थित प्रताप रिसोर्ट पर लोग जुटने लगे थे।
शुक्रवार सुबह हजारों की संख्या में दलित आदिवासी कार्यकर्त्ताओं ने पैदल मार्च किया। 8 किलोमीटर चलकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे ।
यहां पर कलेक्टर गौतम सिंह को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि इस जघन्य हत्याकांड के आरोपियों को फांसी और शेष आरोपियों की जांच कर गिरफ़्तारी करने के साथ ही पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपए मुआवजा राशि के साथ ही पीड़ित परिवार में किसी एक सदस्य को शासकीय नौकरी मिले।
कलेक्टर ने समाजजनों के आक्रोश को देखते हुए तत्काल मृतक आश्रितों को 16,50,000 रुपए स्वीकृत किए। अतिरिक्त राशि और शासकीय नौकरी के लिए मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से
अशोक खींची, सावन मकवाना, सुरेश चौहान, अर्जुन मालवीय, कैलाश मालवीय, संगीता पाटोदी, रेखा सोलंकी, निर्मला वानखेड़े, मधुलिका जाधव आदि सहित हजारों की संख्या में दलित आदिवासी कार्यकर्ता व समाजजन मौजूद थे।