इंदौर में कचरे से कमाई का मॉडल देखेंगे आस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के प्रवासी भारतीय
इंदौर। इंदौर के वेस्ट मैनजमेंट माडल की धाक अब दुनिया भी मानने लगी है। आस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी अभी तक दो तरह से कचरा प्रथक्करण होता है। वहीं, इंदौर में छह तरह का कचरा न सिर्फ अलग-अलग किया जा रहा है, बल्कि घरों से भी अलग-अलग ही इकट्ठा किया जा रहा है। विदेशी प्रतिनिधि और अधिकारी यह भी देखेंगे कि गीले और सूखे कचरे से कमाई का माडल क्या है। किस तरह गीले कचरे से सीएनजी और सूखे कचरे व मलबे से ईंट-पेवर बनाए जा रहे हैं। आस्ट्रेलिया के काउंसलर जान डिराइड और उनकी टीम के साथ लंदन (इंग्लैंड) के अधिकारियों की टीम सबसे ज्यादा जानने की इच्छुक है कि इंदौर कचरे से कमाई किस तरह कर रहा है।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए इंदौर आए लंदन के डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल का कहना है कि इंदौर नगर निगम के अफसरों, जनप्रतिनिधियों व जनता ने शहर की स्वच्छता की तस्वीर बदली है। यही वजह है कि स्वच्छता में नंबर-1 आने के कारण इंदौर की पहचान विश्व में काफी बढ़ी है। इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन होना गर्व की बात है। दुनिया की सबसे पुरानी मेट्रो लंदन में है और इंदौर भी मेट्रो के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मैं इंदौर के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बायो सीएनजी प्लांट और वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर किए जा रहे कार्यों को भी देखने जाऊंगा।