धंस रहे जोशीमठ में हालात बदतर, 600 परिवार शिफ्ट होंगे
कागजों में सुरंग-बाईपास का काम बंद, हकीकत में बड़ी मशीनें पहाड़ खोद रहीं
ब्रह्मास्त्र जोशीमठ
उत्तराखंड के जोशी मठ में जमीन धंस रही है। 561 घरों में दरारें आ गई हैं। इसके बावजूद एनटीपीसी के हाइडल प्रोजेक्ट की सुरंग और चार धाम आॅल-वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाइपास) का काम रोका नहीं गया है। ये हाल तब है, जब सरकार ने इन पर तत्काल रोक लगा दी थी। इसके बाद कागजों पर काम बंद हो गया, लेकिन मौके पर बड़ी मशीनें लगातार पहाड़ खोद रही हैं। इधर, जोशीमठ में लगातार भूजल रिसाव हो रहा है। हालात बदतर होते जा रहे हैं। 50 हजार की आबादी वाले शहर का दिन तो कट जाता है, लेकिन रात ठहर जाती है। लोग कड़ाके की ठंड में घर के बाहर रहने को मजबूर हैं। उन्हें डर लगा रहता है कि घर कभी भी ढह सकता है। सबसे ज्यादा असर जोशीमठ के रविग्राम, गांधीनगर और सुनील वार्डों में है। यह शहर 4,677 वर्ग किमी में फैला है।
6 महीने तक घरों का किराया देगी राज्य सरकार
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी शनिवार को जोशीमठ जाएंगे। धामी ने शुक्रवार को हाई लेवल मीटिंग में डेंजर जोन को तत्काल खाली कराने और प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित जगह पर बड़ा पुनर्वास केंद्र बनाने का आदेश दिया था। वहीं, खतरनाक मकान में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। सरकार ने उन परिवारों को किराए के मकान में जाने को कहा है, जिनके घर रहने लायक नहीं हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सरकार उन्हें किराये के तौर पर हर महीने 4 हजार रुपए देगी। यह राशि 6 अगले महीने तक उट रिलीफ फंड से मुहैया कराई जाएगी।
बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार पर डूबने का खतरा
चार धाम के प्रमुख धाम बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार कहलाने वाले उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशी मठ के शहर पर डूबने का खतरा है। पांच सदस्यीय दल ने इसकी जांच की है। इसमें जोशी मठ के नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, एसडीएम कुमकुम जोशी, भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ दीपक हटवाल, कार्यपालक इंजीनियर (सिंचाई) अनूप कुमार डिमरी और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी शामिल थे।