छोटा पड़ गया हाल : बैठने की व्यवस्था नहीं कर पाए निवेश कैसे आएगा
पीएम के आयोजन में एंट्री नहीं मिली तो भड़के प्रवासी
हाल की कैपेसिटी 2200, रजिस्ट्रेशन हुए 3500, मंत्री, नेता, अधिकारी, मीडिया अलग से
इंदौर। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान सोमवार को आयोजन स्थल पर उस समय हंगामा हो गया, जब कई प्रवासियों को हॉल में एंट्री करने से रोक दिया गया। वे पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में प्रवेश नहीं कर सके। लंदन के डिप्टी मेयर को भी मेन गेट पर ही रोक दिया गया। एक एनआरआई को मामूली चोट आई।
इस पर कुछ प्रवासियों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- टीवी पर ही आयोजन दिखाना था तो बुलाया क्यों..? मामला इतना गंभीर हो गया कि पीएम के सामने ही सीएम शिवराज सिंह चौहान को मंच से माफी मांगनी पड़ी। सीएम ने कहा- माफी चाहता हूं, हॉल छोटा पड़ गया, लेकिन दिल में जगह की कमी नहीं है।
सुबह 9.45 बजे ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर का हॉल फुल होने पर एंट्री बंद कर दी गई। हॉल की कैपेसिटी 2200 लोगों के बैठने की है, लेकिन वहां 3500 से ज्यादा लोग पहुंच गए। कुछ एनआरआई जबरदस्ती गेट खोलकर घुसे। उन्हें बड़े गेट पर फिर रोका गया। धक्का-मुक्की में एक एनआरआई के हाथ में चोट लग गई। अधिकारियों के अनुसार रजिस्ट्रेशन ही 3500 थे।
स्पेन से आए जगदीश फोबयानी ने कहा- कह रहे हैं कि हॉल की कैपेसिटी फुल हो गई है।
लंदन के डिप्टी मेयर (बिजनेस) राजेश अग्रवाल करीब 15 मिनट तक अंदर जाने के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने विदेश मंत्रालय से मिला अपना आमंत्रण पत्र भी दिखाया। बाद में उन्हें दूसरे गेट से अंदर दाखिला मिला। अग्रवाल का नाम उन खास मेहमानों की सूची में भी है, जिन्हें प्रधानमंत्री ने दोपहर भोज पर आमंत्रित किया था।
ऐसे में भारत ग्लोबल पावर कैसे बनेगा
जमैका से आए 15 सदस्यीय दल को भी ग्रैंड हॉल में प्रवेश नहीं मिल सका। डेलीगेट्स ने इसे लेकर नाराजगी जताई। जमैका के प्रशांत सिंह ने कहा कि जमैका से वहां के मंत्री के साथ 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है। हम उन्हें भारत की ब्रांडिंग करके यहां लाए हैं। ऐसे में वहां से निवेश कैसे आएगा।
उन्होंने कहा- भारत सरकार और शिवराज सरकार 3 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था भी नहीं कर सकी तो भारत ग्लोबल पॉवर कैसे बनेगा? ये इवेंट सरकार के मैनेजमेंट पर बड़ा तमाचा है। अंदर सरकार के लोग बैठे हैं, हम बाहर हैं; ये कैसा अतिथि देवो भव: