भाजपा के लिए खतरे की घंटी : सत्तारूढ़ पार्टी से 57 कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में शामिल होना, कहीं भाजपा में असंतोष की ओर तो नहीं कर रहा इशारा

इंदौर। यूं एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना राजनीति में अब कोई बड़ी खबर नहीं रही है। जब माननीय विधायक तक इधर से उधर हो जाएं तो ऐसी स्थिति में सामान्य कार्यकर्ताओं का पार्टी बदलना मायने नहीं रखता। इंदौर संभाग का बड़वानी जिला इन दिनों राजनीतिक तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है। दरअसल पहले 14 कांग्रेसी कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए और उसके 2 दिन बाद ही पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन के समक्ष 57 भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए। इसमें महत्वपूर्ण खबर यह है कि कांग्रेस फिलहाल विपक्ष में है। सत्ता में लौटने की उसकी कोई उम्मीद नहीं है। वैसे भी कांग्रेसी इस समय एक सफल नेतृत्व के अभाव में बिखरी हुई सी दिखाई दे रही है। ऐसी स्थिति में भाजपा कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में जाना यह दर्शा रहा है कि भाजपाइयों में अंदर ही अंदर असंतोष पनप रहा है। टूटती कांग्रेस से भाजपा में जाना संभव हो सकता है ,लेकिन एक मजबूत सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में जाना यह सवाल खड़े कर रहा है कि भाजपाइयों में बढ़ता अंदरूनी असंतोष कहीं पार्टी के लिए कोई मुश्किल तो खड़ी नहीं कर रहा है ? बड़वानी जिले से उठा यह असंतोष भविष्य में पूरे प्रदेश में भाजपा के लिए कई मुसीबतें खड़ी कर सकता है। ऊपरी तौर पर कह सकते हैं कि वे सामान्य कार्यकर्ता थे, लेकिन मजबूत दीवार ऐसे ही तो दरकती है।
प्रदेश की राजनीति अपनी जगह है लेकिन इन दिनों बड़वानी जिले की राजपुर विधानसभा सुर्खियों में बनी हुई है। पूर्व गृहमन्त्री बाला बच्चन के  विधानसभा  क्षेत्र में जहां कांग्रेस के लोग भाजपा में जा रहे हैं, तो भाजपा के लोग कांग्रेस में आ रहे हैं। पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि जिन 14 लोगों के नाम आये हैं, उनमें में सिर्फ 2 या 3 लोगों को जानता हूँ। उनका परिवार मेरे साथ है l उन्होंने दावा किया कि गुरुवार भी बड़ी संख्या में भाजपा के लोग कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। बाला बच्चन ने सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए बताया कि कांग्रेस के साथ सब युवा जुड़ रहे हैं और बड़ी संख्या में फिर जुड़ेंगे।