इंदौर में गलतियों का विश्वविद्यालय–स्नातक प्रथम वर्ष की 35 हजार अंकसूचियों में गड़बड़ी
इंदौर। स्नातक प्रथम वर्ष की अंकसूचियों में गड़बड़ियां सामने आई हैं। रिजल्ट जारी करने की तारीख और परीक्षा का प्रारूप (नियमित व स्वाध्यायी व भूतपूर्व) के बारे में उल्लेख नहीं किया है। ऐसा करीब 35 हजार अंकसूचियों में हुआ है, जिनमें दोनों कालम गायब हैं। गड़बड़ी पता लगते ही देवी अहिल्या विश्वविद्यालय गलती सुधारने में लगा है। यही वजह है कि विद्यार्थियों को अभी तक अंकसूची नहीं बांटी गई है। कंप्यूटर सेंटर और एजेंसी एक-दूसरे की गलती बता रहे हैं। हालांकि विश्वविद्यालय बीच का रास्ता निकालने में लगा है।
2021-22 सत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) स्नातक पाठ्यक्रम में लागू हुई। स्नातक कोर्स की परीक्षा 18 जून से 22 अगस्त 2022 के बीच करवाई गई। करीब 80 हजार छात्र-छात्राएं शामिल हुए। विश्वविद्यालय ने इनका परिणाम अक्टूबर 2022 में घोषित किया। मगर विद्यार्थियों को अभी तक अंकसूची नहीं मिली, क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग ने इसका प्रारूप नवंबर में जारी किया। विभाग से नवंबर में प्रारूप मिलने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन को अंकसूची के पीछे दर्शाए जाने वाले दिशा निर्देश बनाने में दो महीने से अधिक लग गए। अंकसूची की छपाई के लिए कंप्यूटर सेंटर को एजेंसी से समन्वय करने की जिम्मेदारी दी गई। जनवरी दूसरे सप्ताह में अंकसूची की छपाई का काम शुरू हुआ, जिसमें दो कालम की जानकारी छपी नहीं।