इंदौर में धोखाधड़ी के मामले में प्रिंसिपल को मिली अग्रिम जमानत
अदालत ने भी माना- फर्जी तरीके से कराया गया धोखाधड़ी का मामला दर्ज
इंदौर। एक प्रसिद्ध कहावत है कि सांच को आंच नहीं, अगर कोई व्यक्ति सच्चा है और वह सही राह पर चलता है। इसके बाद भी उस पर झूठा लांछन भी लगा दे और उसे बदनाम करने की कोशिश भले ही कर ले। एक न एक दिन सामने आता ही है। एक धोखाधड़ी के मामले में फर्जी तरीके से प्रिंसिपल को फंसाए जाने पर अदालत ने तमाम सबूतों और गवाहों के आधार पर उन्हें अग्रिम जमानत दे दी।
यह है मामला
कुछ समय पहले राऊ पुलिस ने नितिन पाटीदार निवासी रंगवासा की शिकायत पर राकेश भट्ट और उसकी पत्नी संध्या भट्ट के खिलाफ लाखों की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। फरियादी नितिन पाटीदार ने शिकायत दर्ज करवाते हुए पुलिस को बताया था कि भट्ट दंपति ने एक गुजराती फिल्म ‘बिजो दिवस’ को रिलीज करने को लेकर रुपए लिए थे। दंपति ने कहा था कि फिल्म में जो प्रोड्यूसर पैसे लगाने वाले थे उनका देहान्त हो गया है, जबकि फिल्म बनकर तैयार है। यदि इस फिल्म में 50 लाख का निवेश कर देते हैं तो इसे हम रिलीज कर देंगे। उन्होंने कहा था कि मुझे बतौर प्रॉफिट 4 करोड़ 85 लाख रुपये का पेमेन्ट किया जाएगा। इस संबंध में राकेश भट्ट व उसकी पत्नी संध्या भट्ट ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर 40 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर दी। इसी आधार पर पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में दंपति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।
यह बताया संध्या भट्ट के वकील ने अदालत को
मामला दर्ज हो जाने के बाद संध्या भट्ट के वकील द्वारा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी। अदालत में संध्या भट्ट के वकील ने बताया कि राकेश भट्ट ने फिल्म रिलीज करने को लेकर रुपए उधार लिए थे। लेकिन उसके एवज में नितिन पाटीदार को रुपए अलग-अलग बार उनके खाते में दिए गए। पूरे रुपए डाल कर वापस कर दिए थे। इसके बाद भी जबरन संध्या भट्ट को आरोपी बनवा दिया। नितिन ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इस धोखाधड़ी के करने के मामले में उन्होंने अपने पति का साथ दिया है और नितिन और राकेश भट्ट के बीच हुए एग्रीमेंट में संध्या भट्ट के हस्ताक्षर हैं। जिसके चलते वह भी आरोपी है। लेकिन संध्या की पार्टनरशिप पूरे मामले में लेकर किसी भी प्रकार की भूमिका नहीं थी। जबरन पुलिस ने उन्हें धोखाधड़ी का आरोपी बना दिया। वहीं, संध्या भट्ट के पक्ष में उन्होंने कई तर्क और सबूत रखे। जिसके आधार पर अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया।