नौकरी छोटी तो इंजीनियर अवसाद में आ गया…और झूल गया फांसी के फंदे पर

इंदौर। गुड़गांव की एक आईटी कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर ने उषा नगर मेन में अपने कमरे में फांसी लगा ली। नौकरी छूटने से वह अवसाद यानि तनाव में था। आत्महत्या करने से पहले उसने खुद के दोनों हाथ बांध लिए थे। 3-4 दिन से वह किसी का फोन रिसीव नहीं कर रहा था। इस कारण शंका होने पर उसकी मां ने जमाई को बेटे से मिलने इंदौर भेजा तो आत्महत्या का पता चला।
अन्नपूर्णा पुलिस के अनुसार आदित्य श्रीवास्तव निवासी गुड़गांव यहां अपने पैतृक घर में अकेला रहता था। रविवार को आदित्य के परिजन थाने पहुंचे और बताया कि जब हम लोग उसके कमरे पर पहुंचे तो वहां बदबू आ रही थी। हम सीधे थाने पहुंचे। इस सूचना के बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो वह फंदे पर लटका मिला। चूंकि दरवाजा अंदर से बंद था, इसलिए लग रहा है उसने फांसी लगाई है। उसके दोनों हाथ बंधे हुए थे, शायद उसने स्वयं को बचाने से रोकने के लिए ऐसा किया होग। शव सड़-गल गया है, उसका पीएम एमवायएच में करवाया गया। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

कुछ माह पहले इंदौर आया था आदित्य

भोपाल में रहने वाले जीजा नकुल जौहर बोले कि आदित्य गुड़गांव की एक आईटी कंपनी में इंजीनियर था। कंपनी बंद होने से उसकी नौकरी चली गई थी। उसने इंदौर में किसी कंपनी में काम खोजा और वर्क फ्रॉम होम कर रहा था। उसकी शादी नहीं हुई थी, इसलिए यहां अकेला रहता था।

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नौकरी छूट जाए तो हिम्मत न हारें, धैर्य रखें,कोई छोटा कामकाज कर लें

नौकरी छूट जाए या रोजगार छिन जाए तो अवसाद में आना यानी तनाव होना स्वाभाविक है। लेकिन , यह अवसाद इतना हावी नहीं होना चाहिए कि व्यक्ति अपनी अनमोल जिंदगी को ही अलविदा कह दे। हो सकता है कि चाही गई नौकरी नहीं मिल पा रही हो लेकिन अपने अनुकूल नौकरी न मिलने पर भी कोई दूसरा धंधा या छोटा मोटा कामकाज कर के भी जीवन चलाया जा सकता है। समय के साथ एक बार व्यक्ति फिर उठ खड़ा होता है। बस जरूरी है हिम्मत और धैर्य रखने की।