महिला प्रिंसिपल को जलाने का मामला : जांच में लापरवाही, एएसआई सस्पेंड

महापौर के समक्ष फफक कर रो पड़ी माँ

इंदौर। पेट्रोल डालकर जलाई गईं कॉलेज प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा की हालत नाजुक है। इस मामले की जांच में इंदौर पुलिस ही घिर गई है। एक साल पहले दिए गए आवेदन पर लापरवाही बरतने के आरोप में एक एएसआई को सस्पेंड किया गया है। इधर, बुरी तरह झुलसी प्रिंसिपल के परिवार से मिलने गुरुवार दोपहर को महापौर पुष्यमित्र भार्गव पहुंचे। यहां वे बात कर ही रहे थे कि प्रो. विमुक्ता शर्मा की मां उत्फुल्ल प्रभा तिवारी फफक कर रो पड़ीं। उन्होंने कहा मेरी बेटी हीरा थी। मैं क्या कहूं, मेरे तो बोल ही नहीं निकल रहे हैं। महापौर ने उन्हें आश्वस्त किया कि न्याय दिलाने के लिए हम सब लड़ेंगे।
महापौर ने कहा- इस केस में पुलिस की भूमिका की भी जांच होना चाहिए। जो पत्र प्रो. विमुक्ता शर्मा ने लिखकर थाने में दिए थे। उन्हें लेकर क्यों रख लिया गया, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस संबंध में ग्रामीण आईजी से बात करेंगे।
प्रो. विमुक्ता शर्मा के परिवार का भी आरोप है कि उन्होंने छात्र से परेशान होकर तीन से चार बार सिमरोल थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने आरोपी छात्र पर तब एफआईआर दर्ज की जब उसने कॉलेज में चाकू से हमला किया था। यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो कॉलेज में आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव न तो चाकू चला पाता और न ही ये हादसा होता।

एएसआई ने दबा दी थी जांच

इंदौर ग्रामीण एसपी भगवत सिंह बिरदे ने बताया कि सिमरोल थाना प्रभारी ने बताया कि 14 फरवरी 2022 को बीएम फार्मेसी कॉलेज की ओर से छात्र आशुतोष श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। छात्र ने आत्महत्या की धमकी दी थी। इस मामले की जांच सिमरोल थाने में पदस्थ एएसआई संजीव तिवारी को सौंपी थी। उन्होंने जांच में लापरवाही बरती। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

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