भूजल उपयोग वाले उद्योगों ने नलकूपों में नहीं लगाए फ्लो मीटर
ेदैनिक अवन्तिका इंदौर
भूजल का उपयोग करने वाले उद्योगों के लिए भूजल बोर्ड द्वारा नलकूपों (बोरिंग) पर फ्लो मीटर लगाना अनिवार्य है। इंदौर में कई उद्योगों ने बोरिंग पर फ्लो मीटर नहीं लगाए। ऐसे में उद्योगों द्वारा कितना भूजल का दोहन किया जा रहा, इसका आकलन नहीं हो पा रहा। जिला प्रशासन व भूजल बोर्ड के अफसर भी उद्योगों की जांच नहीं कर पा रहे हैं और न ही उद्योगों पर ठोस कार्रवाई कर पा रहे हैं। उद्योगों द्वारा अत्यधिक भूजल दोहन को रोकने के लिए बनाया गया यह नियम, लेकिन इस नियम का धड़ल्ले से उल्लंघन कर रहे उद्योग। सभी उद्योगों को सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड से एनओसी लेना अनिवार्य किया है।
एनओसी लेने के साथ ही उद्योगों के लिए यह शर्त रखी गई है कि वो बोरिंगों में फ्लो मीटर लगाएंगे, तभी उन्हें एनओसी मिलेगी। सितंबर 2020 में इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन होने के बाद फ्लो मीटर लगाने की अनिवार्यता की गई है। हकीकत यह है कि इंदौर में सांवेर रोड, पोलो ग्राउंड सहित कई इलाकों में उद्योग सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड से एनओसी लेना अनिवार्य ही नहीं समझते हैं।
सरकारी दफ्तर, स्कूल और हास्पिटल के लिए भी किया गया है अनिवार्य
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड द्वारा बोरिंग का घरेलू उपयोग करने व सिंचाई के लिए उपयोग करने वाले किसानों को एनओसी लेने से छूट दी गई। सरकारी दफ्तर, स्कूल, हास्पिटल व प्रतिष्ठानों के लिए इसकी अनिवार्यता की गई है। ऐसे में अब उद्योगों के अलावा अब सभी व्यावसायिक व सरकारी प्रतिष्ठानों में बोरिंग के पानी का उपयोग करने वालों के लिए एनओसी की अनिवार्यता की गई है। पिछले दिनों सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने जिला प्रशासन के साथ बैठक कर इस पर सख्ती करने को भी कहा था।
भूजल का उपयोग करने वाले सभी उद्योगों को सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड से एनओसी अथवा छूट लेना अनिवार्य है। जो उद्योग 10 हजार लीटर प्रतिदिन से कम भूजल का उपयोग करते हैं और एमएसएमई श्रेणी में आते हैं, उन्हें छूट दी गई। उन्हें इस छूट को प्राप्त करने के लिए सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड को आवेदन करना होगा। छूट में दिए गए निदेर्शों का पालन करना होगा। एनओसी वालों के साथ छूट लेने वाले वे उद्योग जो भूजल उपयोग करते हैं, उन्हें पर बोरिंग व कुएं पर फ्लो अनिवार्य है। इसके साथ प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले भूजल मात्रा की लाग बुक बनाना जरूर है। इंदौर में ज्यादातर उद्योगों को इस बारे में जानकारी नहीं है।