विमुक्ता के हत्यारे पर हवालात में नजर रखने के लिए तैनात किए चार सिपाही
इंदौर। बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्रिंसिपल डॉ. विमुक्ता शर्मा द्वारा बीते साल की गई शिकायत के आधार पर ग्रामीण एसपी ने दो पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है। फरवरी 2022 में दो और सितंबर 2022 में तीसरी शिकायत करने के बाद भी सिमरोल थाने द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके चलते आरोपी ने प्रो. विमुक्ता शर्मा को पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
सिमरोल थाना प्रभारी आरएनएस भदौरिया और देपालपुर थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे को ग्रामीण एसपी भगवत सिंह विरदे ने लाइन अटैच किया है। एएसपी से मामले की जांच करवाई गई थी। कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ भी जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपेगी पुलिस। गवाहों से बात करने की भी कोशिश करेंगे। जिसने आरोपी को बाइक से पेट्रोल निकालते और भागते देखा है।
इधर, प्रोफेसर को जलने के बाद वह किस तरह से भागा और कैसे पकड़ाया इसका नया वीडियो सामने आया है। जिसमें वह नंगे बदन पहाड़ी की चढ़ाई चढ़ता दिख रहा है। उसके क्रिमिनल माइंड सेट का का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि गिरफ्त में आने के बाद से वो ना केवल लगातार बयान बदल रहा है, बल्कि हर बार नई कहानी सुनाकर पुलिस को बरगलाने की कोशिश कर रहा है।
पुलिस को चकमा देने और खुद को मानसिक बीमार बताने के लिए एक दिन की रिमांड के दौरान आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव लॉकअप में फूट-फूट कर रोता रहा। रिमांड के दौरान पुलिस ने उससे करीब चार घंटे पूछताछ की। हवालात के अंदर बंद विमुक्ता शर्मा के गुनहगार पर नजर रखने के लिए चार पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा।
जांच के नाम पर लीपापोती शुरू, 2 टीआई लाइन अटैच
प्राचार्य विमुक्ता हत्याकांड में सिमरोल टीआई आरएनएस भदौरिया और देपालपुर टीआइ धर्मेंद्र शिवहरे को भी लाइन अटैच कर दिया गया है। पुलिस विभाग ने अपनी कमजोरी छुपाने के लिए अब कार्रवाई के नाम पर लीपापोती शुरू कर दी है। भदौरिया वर्तमान टीआई थे और उनके समय भी शिकायती आवेदन आए थे। वहीं, शिवहरे पहले टीआई रहे हैं, प्राचार्य विमुक्ता ने उनके कार्यकाल में भी शिकायत की थी।