उपपंजीयक कार्यालय नियमित नहीं खोले जाने शासन को लाखों रुपए की हानि, जनता भी हो रही परेशान
खाचरौद। उपपंजीयक कार्यालय खाचरौद मे दिसंबर माह मे 31 दिनों मे से मात्र 11 दिन रजिस्ट्री दस्तावेज पंजीकृत हुए है इसी प्रकार वर्ष 2023 के प्रथम माह जनवरी मे 31 दिनों मे मात्र 9 दिन दस्तावेज पंजीकृत हुए है , फरवरी माह मे भी मात्र 10 दिन दस्तावेज पंजीकृत हुए है । उपपंजीयक कार्यालय खाचरौद के नियमित रूप से नही खोले जाने शासन को तो लाखों रुपए की हानि हो ही रही है साथ ही ग्रामीणजनों का भी परेशानीयों का सामना करना पड रहा है । दस्तावेज पंजीकृत कराने वाले ग्रामीण परेशान होकर दस्तावेज पंजीयन के लिए उज्जैन, बडनगर जाने को मजबूर हैं। उपपंजीयक खाचरौद को अतिरिक्त प्रभार सौपे जाने के कारण एक दिन बडनगर और दूसरे दिन खाचरौद आना होता है। शासन द्वारा कोविंड-19 के समय से ही सप्ताह में 5 दिन कार्यालय खोलने के आदेश के कारण शनिवार भी अवकाश रहता है। ऐसे में अगर धार्मिक या अन्य कारणो से एक और अवकाश हो जाने से सप्ताह में दो दिन ही दस्तावेज पंजीकृत हो रहे हैं। जनसमस्या को लेकर उपपंजीयक कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरने पर बैठे जन भागीदारी समिती के अध्यक्ष अभिभाषक अमित सेठी ने ग्रामीणजन अभिभाषक संघ के सदस्य एवं सर्विस प्रोवाईडर के समक्ष यह बात कही।
इस कारण्ी बनी समस्या
उपपंजीयक कार्यालय खाचरौद मे पदस्?त उपपंजीयक को बड़नगर तथा इसके पुर्व नागदा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है । पिछले करीब 6-7 माह से उपपंजीयक कार्यालय खाचरौद के उपपंजीयक कृष्णसोन केसरिया को उपपंजीयक कार्यालय बड़नगर तथा नागदा का अतिरिक्त प्रभार सौपे जाने व उपपंजीयक कार्यालय खाचरौद मे उपपंजीयक के अतिरिक्त कोई स्टाफ नही होने के कारण से खाचरौद उपपंजीयक कार्यालय की व्यवस्था निरंतर चरमरा गई है ।
पहले भी उठाई गई है मांग
उपपंजीयक कार्यालय खाचरौद को नियमित रूप से संचालिक के लिये पुर्व जन भागीदारी समिती के अध्यक्ष अभिभाषक अमित सेठी द्वारा दिनांक 12/12/2022 को कलेक्टर तथा जिला पंजीयक महोदय को समस्या से अवगत कराया था । तथा पश्चात समस्या का समाधान नही होने पर प्रभारी मंत्री जिला उज्जैन जगदीश देवडा को भी 27/01/2023 को मांग पत्र सोप कर अवगत कराया था ।
उज्जैन जिले की खाचरौद प्रमुख तहसील है और करीब नगर सहित 110 गावों की रजिस्ट्रियां तहसील परिसर स्थित उपपंजीयक कार्यालय में होती है। एक सर्विस प्रोवाइडर के अनुसार उप पंजीयक कार्यालय में प्रतिदिन 25 से 30 और सप्ताह में 150 दस्तावेज पंजीकृत होते थे लेकिन वर्तमान समय में एक दिन छोड़कर उप पंजीयक कार्यालय खुलने से एक सप्ताह में मात्र 50-60 दस्तावेज ही पंजीकृत हो रहे हैं, जिससे शासन को लाखों रुपए की राजस्व हानि तो हो ही रही है, वहीं तय समय में रजिस्ट्री के स्लॉट बुक नहीं होने से पक्षकारों के मध्य विवाद, समय पर पंजीकृत दस्तावेज प्राप्त नहीं होना, लोन लेने वाले पक्षकारों को ऋण लेने में विलम्ब के साथ रजिस्ट्री कराने के लिए उज्जैन, बडनगर जाना पड़ रहा है।