सेंट्रल जेल इंदौर से धार जिला जेल शिफ्ट किए रेप की सजा काट रहे कैदी की मौत
तंबाकू होने के शक में जेल अफसरों और कैदियों ने बेल्ट-जूतों से पीटा था
ब्रह्मास्त्र धार
17 दिन पहले सेंट्रल जेल इंदौर से धार जिला जेल शिफ्ट किए गए दुष्कर्म के सजायाफ्ता कैदी की पिटाई से मौत हो गई। उसे सोमवार शाम को संदिग्ध हालत में जिला अस्पताल लाए थे। डॉक्टरों के मुताबिक यहां लाने से पहले ही कैदी की मौत हो चुकी थी। यह मामला तब सामने आया, जब मंगलवार सुबह परिजन ने पिटाई के आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग कर जेल के बाहर और जिला अस्पताल में हंगामा किया।
परिजन की मांग पर डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम कराया गया। पीएम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि कैदी की पीठ पर चोट के निशान मिले हैं। ब्लड, विसरा समेत कपड़ों को भी जांच में शामिल कर वीडियोग्राफी कराई है। चार से पांच दिन में रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जेल प्रशासन ने मजिस्ट्रियल जांच कराने की बात कही है।
जेल में मौजूद कैदियों ने भी नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर खाना लेने से इनकार कर दिया। इस पूरे मामले पर जेल अधीक्षक का दावा है कि 25 वर्षीय कैदी भेरू पिता बगदीराम जेल के बाथरूम में गिर गया था। उसे संदिग्ध अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि जेल में पूछताछ के दौरान स्टाफ के कुछ लोगों द्वारा मारपीट करना भी सामने आया है। जांच की जा रही है।
तलाशी लेने पर कुछ नहीं
मिला, तो भेरू को खूब पीटा
सूत्रों के अनुसार सोमवार दोपहर किसी ने अफवाह फैलाई कि भेरू के पास तंबाकू है। इसके बाद जेलर श्याम वर्मा, मुख्य चीफ मुकेश सोलंकी भेरू के पास पहुंचे। इन्होंने उसकी तलाशी ली, लेकिन उसके पास से कुछ नहीं मिला। दोनों अफसरों ने तीन कैदियों को आदेश दिए कि इसे मारो। इसके बाद सोलंकी ने पट्टे और लट्ठ से और जेलर वर्मा ने अपने जूतों से उसके मुंह पर कई बार मारा। इससे भेरू लहूलुहान हो गया था। तीन कैदियों ने भी भेरू को बेल्ट और लट्ठ से पीटा। इसके बाद भेरू की हालत बहुत खराब हो गई। कहानी बनाकर भेरू को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इससे पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।
11 साल की सजा काट रहा था
हनुमंत्याकाग-सरदारपुर निवासी भेरू को दुष्कर्म के केस में 26 नवंबर 2019 को 11 साल की सजा सुनाई थी। वह पिछले कुछ सालों से सेंट्रल जेल में बंद था। 11 फरवरी को ही आईटीआई प्रशिक्षण के लिए धार जिला जेल शिफ्ट किया था। परिजन ने न्यायिक जांच की मांग करते हुए शव को अस्पताल से लेकर जाने से इनकार कर दिया था। मामला बढ़ता देख प्रशासन की ओर से उच्च स्तरीय जांच का हवाला देकर पीएम कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन ने जिला अस्पताल स्थित पीएम रूम के बाहर भी आधे घंटे से ज्यादा समय तक हंगामा कर नारेबाजी की।
घटना की होगी मजिस्ट्रियल जांच
जेल अधीक्षक राजाराम दांगी का कहना है, कैदी बाथरूम के पास गिर गया था, जिसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया। कलेक्टर, न्यायाधीश सहित मानवाधिकार आयोग को घटना से अवगत कराया है। सुबह कैदियों से भी मिलकर घटनाक्रम जाना है। इसमें स्टाफ के कुछ लोगों द्वारा मारपीट करना सामने आया है। प्रकरण की जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।