व्यक्तित्व निर्माण की शिक्षा प्रदान करना ही शिशु मंदिर का उद्देश्य है
तराना। सरस्वती शिशु मंदिर में कक्षा दसवीं के छात्रों का दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में महेंद्र भगत ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षा के माध्यम से स्वाभिमान जगाने की शिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं। धैर्य, साहस , व स्वाभिमान के माध्यम से भैया – बहनों देशोत्थान हेतु तत्पर है। भैया बहिनों को अपनी क्षमताओं को पहचान कर जीवन में आगे बढ़ना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ ही साथ व्यक्तित्व निर्माण की शिक्षा प्रदान करना ही शिशु मंदिर का उद्देश्य। ललित सोमानी ने अपने उद्बोधन में कहा जीवन में ध्येय मार्ग चुनकर उसी पर कार्य करते हुए जीवन में आगे बढ़ते रहें। जीवन में केवल श्रेष्ठ अंक प्राप्ति ही नहीं अपितु नैतिकता का भी महत्व है। शिव नारायण कोदीवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में विद्यालय से प्राप्त शिक्षा संस्कार को अंगीकार कर राष्ट्र सेवा हेतु तत्पर रहें। इस मौके पर विद्यालय के प्राचार्य, आचार्य दीदी व समिति के समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहे। अतिथि का स्वागत शिवानी गुर्जर व छात्र वरुण यादव ने पुष्प व श्रीफल से किया। अतिथि परिचय आचार्य राजेश निगम ने दिया । कार्यक्रम का संचालन आचार्य – दिनेश पंचोली ने किया।