शिक्षा विभाग की लापरवाही से परीक्षा पर संकट मंडराया
प्रदेशभर में 5वीं और 8वीं के 76467 स्टूडेंट की प्रोफाइल पोर्टल पर अपडेट नहीं, रिजल्ट अटकने का डर
इंदौर। मप्र राज्य शिक्षा केंद्र कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर लेगा। इसमें प्रदेशभर से 24 लाख 73 हजार 632 स्टूडेंट शामिल होंगे। 6 से 15 मार्च तक प्रवेश-पत्र बांटेंगे और 25 मार्च से परीक्षाएं शुरू होंगी। विभाग की लापरवाही से 76 हजार 467 बच्चों की परीक्षा पर संकट मंडरा गया।
इनमें ज्यादातर वे बच्चे हैं जो दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं लेकिन मप्र के स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उनकी समग्र आईडी नहीं होने से पोर्टल पर प्रोफाइल अपडेट नहीं हो सकी। दूसरे वे स्टूडेंट हैं जिन्होंने स्कूल बदला लेकिन आईडी पुराने स्कूल में है, जहां से नए स्कूल में ट्रांसफर या अपडेट नहीं की गई। समस्या प्रदेशभर की है।
ये बात शासन की जानकारी में आई तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पोर्टल रि-ओपन करने के साथ ही रविवार को छुट्टी के दिन भी दनादन वीसी का दौर जारी है। सारे ब्लॉक ऑफिस खुले और अपडेशन शुरू किया। रविवार शाम 6 बजे आयुक्त ने वीसी में यह तो स्पष्ट कर दिया कि समग्र आईडी के चक्कर में अब कोई बच्चा परीक्षा से वंचित नहीं रहेगा लेकिन प्रोफाइल अपडेट नहीं होने से इन बच्चों के रिजल्ट अटकने की शंका है।
इसे लेकर अभी कोई बोलने को तैयार नहीं है। 5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड पैटर्न परीक्षा में दूसरी समस्या परीक्षा केंद्रों की है। पिछली बार 50 बच्चों पर एक केंद्र बनाया था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। शासन के निर्देश हैं कि एक जनशिक्षा केंद्र स्तर पर सिर्फ 3 केंद्र बनाए जाएंगे।
ज्यादा जरूरी हुआ तो चौथा केंद्र बनाने के लिए कारण स्पष्ट करने के साथ ही डीपीसी से अनुमति लेना होगी। 5वां केंद्र तो सिर्फ शासन की अनुमति से ही बनेगा वरना नहीं। चूंकि एक जनशिक्षा केंद्र स्तर पर न्यूनतम 30 व अधिकतम 40 स्कूल रहते हैं। ऐसे में कई बच्चों को 8 से 10 किमी दूर परीक्षा देने जाना पड़ेगा।