उज्जैन सेंट्रल जेल अधीक्षक उषा राजे को जान से मारने की धमकी
उज्जैन। ब्लैकमेलर, छुटभैया, पत्रकारिता की आड़ में हनीट्रैप जैसे कांडों को अंजाम देने की कोशिश करने वाले अभय तिरवार के बारे में बताया जा रहा है कि वह अब अपनी घटिया औकात पर आ गया है। उज्जैन सेंट्रल जेल अधीक्षक श्रीमती उषा राजे को अप्रत्यक्ष रूप से जान से मारने की धमकी मिल रही है। आगामी सोमवार तक का टारगेट दिया गया है।
जेल अधीक्षक श्रीमती राजे ने बताया कि अप्रत्यक्ष रूप से उनके पास मैसेज पहुंचाए जा रहे हैं कि सोमवार तक मार दिया जाएगा यानी धमकाने वाले ने एक तरह से सोमवार तक की लाइफ लाइन मैडम उषा राजे की फिक्स कर दी है। हालांकि, जेल अधीक्षक का कहना है कि मैं कानून को मानने वाली हूं और यदि मैं मर भी जाऊंगी तो किसी भी वदीर्धारी के लिए यह बहुत सम्मान की बात होगी। पत्रकारिता की आड़ में हनी ट्रैप की तरह लोगों को झूठे मामलों में फंसाने- उलझाने की कोशिश करने तथा गली के टपोरियों की तरह गुंडागर्दी और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने वाले ब्लैकमेलर अभय तिरवार की हरकतें बरसों से उज्जैन झेल रहा है।
सेंट्रल जेल अधीक्षक श्रीमती उषा राजे का पीछा करवाने, उन पर हमला करवाने और उनका चारित्रिक हनन की कोशिश करने वाले अभय तिरवार के खिलाफ अब उज्जैनवासी उठ खड़े हुए हैं। जेल अधीक्षक के अनुसार हिंदू महासभा ने तो मुख्यमंत्री को मेल कर ज्ञापन भी दिया है। इसके अलावा बाल्मीकि समाज, रविदास समाज, मुस्लिम समाज, हिंदू संगठन, गौ रक्षा प्रकोष्ठ, शिवसेना आदि अनेक संगठन जेल अधीक्षक के समर्थन में आ खड़े हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने जेल अधीक्षक श्रीमती उषा राजे को भी कहा है कि हम सब आपके साथ हैं क्योंकि आप न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं।
इस भेड़िए ने कई परिवार तोड़े, कई घर उजाड़े, इसे जिलाबदर करें या रासुका लगे
जेल अधीक्षक श्रीमती उषा राजे ने कहा कि वह कानून को मानने वाली हैं और कानून के वरिष्ठ अफसर, समाज के वरिष्ठजनों से न्याय मांगेंगे। यह लड़ाई उनकी अकेले की नहीं बल्कि अच्छे समाज और कानून मानने वाले सभी जनों की है। अभय तिरवार एक ऐसा राक्षस है,जिसकी हरकतों से कई परिवार टूटे, कई घर उजड़े, इसके अत्याचार से। यह साधु बनकर शैतान का काम कर रहा है। इसके ऊपर कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। यह सजायाफ्ता है। एक प्रकरण में अभी यह जमानत पर है। उन्होंने कहा कि मैं नारी की अस्मिता की लड़ाई लड़ रही हूं। यह राक्षस मेरे खिलाफ झूठे वीडियो और खबरें प्रकाशित तथा प्रसारित कर रहा है। लोगों का भी कहना है कि श्रीमती उषा राजे एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। सेंट्रल जेल अधीक्षक के पद पर विराजमान हैं। उज्जैन संभाग की 22 जेल उनके अंडर में आती हैं। नारी जाति की ऐसी सम्माननीय बहन को जब कोई अत्याचारी राक्षस परेशान करता है तो समाज को ऐसे दो कौड़ी के ब्लैकमेलर को सूत सावल में ले आना चाहिए। मीडिया जगत में कुछ पत्रकार भले ही इस से डर गए हों, इसकी घटिया मानसिकता के कारण वह यह मानकर चल रहे हों कि कौन इसके मुंह लगे। लोगों को लगता है कि यह भेड़िया कहीं उनके परिवार के साथ कुछ गलत न कर दे। इस भय के कारण वे मुंह नहीं खोलते हैं, परंतु अब समय आ गया है, जब लोग धीरे-धीरे उठ खड़े होने लगे हैं। समाज में गंदगी फैला रहे भेड़िए के खिलाफ उठ खड़ा होना होगा। उन्होंने मांग की कि ऐसे राक्षस को जिलाबदर किया जाए, जेल भेजा जाए या रासुका लगाई जाए। इसकी आर्थिक कमर भी तोड़ी जाए ,ताकि यह फिर किसी निर्दोष को परेशान न करें। समाज पर अत्याचार न करें।